झारखंड की यह सब्जी, चिकन-मटन से भी है महंगी, है कई मर्ज की दवा
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झारखंड की यह सब्जी, चिकन-मटन से भी है महंगी, है कई मर्ज की दवा

खुखड़ी एक तरह की मशरूम नस्ल की ही वनस्पति है. जिसकी कीमत 1200 रुपए किलो से ज्यादा होती है. यह सब्जी साल के केवल दो महीने ही मिलती है. 

(फाइल फोटो)

रांची : Khukhadi Vegetable: खान-पान के मामले में भारत से ज्यादा समृद्ध कोई देश नहीं है. यहां तमाम तरह के फल-सब्जियां पाई जाती हैं. इस देश में अलग-अलग इलाके के लोगों का खान-पान, रहन-सहन एकदम अलग होता है. ऐसे में यहां के अलग-अलग इलाकों में कई अलग-अलग किस्म की सब्जियां और वनस्पति पाई जाती है. जिसका अपना अलग महत्व होता है. ऐसे ही झारखंड की एक खास सब्जी है जिसे खुखड़ी के नाम से जानते हैं. यह झारखंड के जंगली इलाकों में पाई जाती है. इसकी कीमत इतनी की सुनकर आप खुद हैरान हो जाएंगे. 

1200 रुपए किलो तक बिकती है ये सब्जी
बता दें कि खुखड़ी एक तरह की मशरूम नस्ल की ही वनस्पति है. जिसकी कीमत 1200 रुपए किलो से ज्यादा होती है. यह सब्जी साल के केवल दो महीने ही मिलती है. झारखंड में इसे इतना पसंद किया जाता है कि बाजार में आते ही यह हाथों हाथ बिक जाती है. सावन का महीना चल रहा है और इस महीने में इस सब्जी को आप झारखंड के हाट-बाजारों में सार्वाधिक बिकते देख सकते हैं. 

प्रोटीन की अत्यधिक मात्रा इस सब्जी में पाई जाती है
सावन के महीने में लगभग लोग मटन, चिकन, अंडे और मछली खाने से परहेज करते हैं, ऐसे में खुखड़ी की सब्जी उनके लिए इन नॉनवेज आइटम की तरह है. जिसका इन इलाके के लोगों द्वारा जमकर इस्तेमाल किया जाता है. यह सब्जी झारखंड और सटे छत्तीसगढ़ में ही मिलती है, देश के किसी अन्य हिस्से में आपको यह सब्जी खाने को नहीं मिलेगी. बताते चलें कि खुखड़ी में प्रोटीन की मात्रा अत्यधिक होती है. इस वजह से इसे लोग खासा पसंद करते हैं. छत्तीसगढ़ में लोग जहां इसे खुखड़ी कहते हैं, वहीं झारखंड में इसे खुखड़ी और रुगड़ी दोनों कहा जाता है. 

दो दिन के अंदर पकाकर खानी होती है यह सब्जी
हालांकि इस सब्जी के साथ परेशानी यह है कि इसे दो दिन के अंदर ही पकाकर खाना होता है नहीं तो इतनी महंगी सब्जी बर्बाद हो जाती है या कहें तो यह सड़ने लगती है. यह सब्जी सिर्फ जंगलों में पाई जाती है. आपको बता दें कि इसका रंग मुख्य रूप से सफेद होता है. यह जंगल में अपने आप उगता है.  बता दें कि दीमक द्वारा बनाई जानेवाली खुखड़ी की किस्म सबसे महंगी होती है. 

खुखड़ी का इस्तेममाल औषधीय निर्माण में भी होता है
खुखड़ी या रुगड़ी का इस्तेमाल इम्युनिटी बढ़ाने में भी होता है. इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं. ऐसे में इसका इस्तेमाल कई दवाईयों को बनाने में भी किया जाता है. यह हृदय रोग, कैंसर, किडनी के रोग, डायबिटीज, खून की बीमारी के लिए एक बेहतरीन औषधी मानी जाती है और यही वजह है कि इसका इस्तेमाल लोग अपने खाने में जमकर करते हैं. इसको उत्पादन को लेकर माना जाता है कि बरसात के मौसम में बिजली कड़कने से धरती फटती है. ऐसे में इसी समय धरती के अंदर से सफेद रंग की खुखड़ी निकलती है. चरवाहों को खुखड़ी की नस्ल की अच्छी पहचान होती है. ऐसे में कहां से उन्नत किस्म की खुखड़ी मिलेगी उसे ये चरवाहे ढूंढते हैं और फिर इसे बाजार में बेचने पहुंचते हैं.  

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