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Rahu-Ketu: वैदिक ज्योतिष की मानें तो किसी भी कुंडली में 12 भाव होते हैं और इन 12 भावों में ही 9 ग्रहों की स्थिति होती है. ऐसे में ज्योतिष के अनुसार राहु-केतु का पाप ग्रह माना गया है. इस छाया ग्रह भी कहते हैं. इसके साथ ही कुंडली में शनि को क्रुर ग्रह माना गया है. ग्रहों में सूर्य और चंद्रमा ही ऐसे ग्रहें हैं जो हमेशा मार्गी चलते हैं जो कभी भी अपनी स्थिति नहीं बदलते जबकि राहु-केतु हमेशा वक्री चलते हैं. बाकि के 5 ग्रह समय समय पर अपना मार्ग बदल कभी मार्गी तो कभी वक्री हो जाते हैं. ऐसे में किसी कुंडली में अगर राहु केतु की स्थिति ठीक ना हो या फिर राहु और केतु से कोई ग्रह पीड़ित हो तो ऐसे जातकों के जीवन में समस्याओं का अंबार लग जाता है.
ऐसे में वह जातक अपने करियर में भी सफलता पाने के लिए मेहनत तो खूब करता है लेकिन उसका जीवन परेशानियों से भर जाता है. मानसिक तनाव उसके जीवन का हिस्सा बन जाता है. ऐसे में राहु-केतु के बुरे प्रभावों से बचने के लिए कई उपाय हैं जो आप आजमा सकते हैं. इसके जरिए राहु-केतु के अशुभ प्रभावों को कम किया जा सकता है.
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ऐसे में राहु-केतु के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए गुरुवार को आपको कन्याओं को खाना खिलाना चाहिए. ऐसे में खाना खिलाने के बाद उनका आशीर्वाद भी लेना चाहिए. वहीं भगवान शिव की नियमित पूजा भी आपके जीवन में राहु-केतु के अशुभ प्रभावों को कम कर सकता है. ऐसे में हर दिन शिवलिंग पर काले तिल, बेलपत्र और गंगाजल चढ़ाएं. वहीं नीले और गुलाबी रंग के कपड़े पहनने से भी राहु-केतु के प्रभावों से मुक्ति मिलती है. इसके साथ ही आप रोजाना कुत्तो को रोटी खिलाएं.
घर में शेषनाग पर नृत्य करते हुए श्रीकृष्ण की फोटो लगाकर उसकी रोजाना पूजा करनी चाहिए. साथ ही “ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः” का भी लगातार जाप करना चाहिए. वहीं कई बार इनके प्रभाव से बचने के लिए जानकार ज्योतिष गोमेद धारण करने की भी सलाह देते हैं.