Bihar: भागलपुर में है श्री राम की मौसी का घर, 22 जनवरी को धूमधाम से मनाया जाएगा प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव
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Bihar: भागलपुर में है श्री राम की मौसी का घर, 22 जनवरी को धूमधाम से मनाया जाएगा प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव

Bhagalpur News: अंग जनपद यानी आज का भागलपुर, मुंगेर और बांका का इतिहास काफी पुराना है. वाल्मीकि रामायण के अनुसार अंग जनपद प्रभु श्री राम की मौसी का घर था. इतिहासकार आलोक ने बताया कि प्रभु राम के मौसी का घर होने का साक्ष्य वाल्मीकि रामायण है. 

Bihar: भागलपुर में है श्री राम की मौसी का घर, 22 जनवरी को धूमधाम से मनाया जाएगा प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव

भागलपुरः अंग जनपद यानी आज का भागलपुर, मुंगेर और बांका का इतिहास काफी पुराना है. वाल्मीकि रामायण के अनुसार अंग जनपद प्रभु श्री राम की मौसी का घर था. त्रेतायुग में अंग जनपद के राजा रोमपाद से कौशल नरेश सुकौशल की बेटी वर्षिणी से विवाह हुआ था. वर्षिणी की बहन कौशल्या थी. अंग जनपद के राजा रोमपाद व अवध जनपद के राजा दशरथ में घनिष्ठ मित्रता थी. 

भागलपुर श्री राम की मौसी का घर
राजा रोमपाद ने अपनी साली कौशल्या से दशरथ का विवाह करवाया था. इस नाते भागलपुर उनकी मौसी का घर माना जाता है. वाल्मीकि रामायण के आठवें, नौवें और दसवें अध्याय में वर्णित है. उसमें इसका भी वर्णन किया गया है कि दशरथ को एक पुत्री थी. जिसका नाम शान्ता था. राजर्षि की सलाह पर दशरथ ने अंग नरेश रोमपाद को शांता को पौष पुत्री के रूप में सौंप दिया था. 

नारायण मंदिर की हुई थी स्थापना
इसके बाद प्रभु श्री राम के आविर्भाव के लिए रोमपाद के सहयोग से दशरथ ने ऋषि श्रृंगी और गुरु वशिष्ठ से पुत्रेष्टि यज्ञ करवाया. जिसके बाद प्रभु श्री राम का जन्म हुआ था. बताया जाता है कि ऋषि श्रृंगी ने तब अंग जनपद में ही प्रभु श्री राम का मुंडन संस्कार करवाया था. राजा रोमपाद द्वारा अंग जनपद की राजधानी चम्पा पूरी अभी के चंपानगर में नारायण मंदिर की स्थापना की गई थी. वह मंदिर अभी भी है. वर्षों पहले मन्दिर जीर्ण शीर्ण अवस्था में था. जिसका जीर्णोद्धार करवाया गया.

धूमधाम से मनाया जाएगा प्रभु राम की मौसी के घर प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव 
नारायण मंदिर में भगवान जगन्नाथ प्रभु राम, सीता लक्ष्मण और कृष्ण की प्रतिमा है. यहां 22 जनवरी को लेकर खासा तैयारी चल रही है. फूल और लाइट स्व मंदिर को सजाया जाएगा और दीपोत्सव मनाया जायेगा. इतना ही नहीं पूरे अंग जनपद यानी प्रभु राम के मौसी के घर में प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव मनाया जायेगा. इतिहासकार आलोक ने बताया कि प्रभु राम के मौसी का घर होने का साक्ष्य वाल्मीकि रामायण है.
इनपुट- अश्वनी कुमार

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