बिहार में उपचुनाव खत्म होने के साथ ही महागठबंधन में फिर से सिर फुटौव्वल शुरु हो चुका है. आरजेडी के राष्टीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने मोर दैन 50 फीसदी सीटों पर जीत हासिल करने का दावा किया है, लेकिन इसके साथ ही रघुवंश प्रसाद सिंह ने महागठबंधन के घटक दलों पर बडा हमला बोला है.
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रांची: आरजेडी के राष्टीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने 50 फीसदी सीटों पर जीत हासिल करने का दावा किया है, लेकिन इसके साथ ही रघुवंश प्रसाद सिंह ने महागठबंधन के घटक दलों पर बडा हमला बोला है.
बिहार में उपचुनाव खत्म होने के साथ ही महागठबंधन में फिर से सिर फुटौव्वल शुरु हो चुका है. आरजेडी के राष्टीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने मोर दैन 50 फीसदी सीटों पर जीत हासिल करने का दावा किया है, लेकिन इसके साथ ही रघुवंश प्रसाद सिंह ने महागठबंधन के घटक दलों पर बडा हमला बोला है.
रघुवंश प्रसाद सिंह ने घटक दलों की पार्टी को दुकान की संज्ञा दी है. साथ ही ये भी सवाल खड़े किए हैं कि आखिर किस मकसद से ये दुकान चलाए जा रहे हैं. ये सभी दल एक क्यों नहीं हो रहे. अलग अलग दुकान चलने के कारण जनता में भ्रम की स्थिती है.
वहीं, जीतन राम मांझी पर भी सवाल खडे करते हुए रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा है कि माझी जनाधार का दावा करते हैं लेकिन जनता उनका जनाधार देख चुकी है. लोकसभा चुनाव में मांझी खुद भी चुनाव लडे और चुनाव लडवाया भी कितना वोट आया सबको पता है. रघुवंश प्रसाद सिंह के बयान के बाद महागठबंधन का अस्तित्व खतरे में पडता नजर आ रहा है.
ऐसा लगता है कि बिहार में हुआ उपचुनाव महागठबंधन की ताबूत में आखिरी कील ही साबित होगा. चुनाव से पहले महागठबंधन के घटक दलों ने आपस में खूब धींगा मुस्ती की. अब चुनाव खत्म होने के बाद भी उनकी लडाई थम नहीं रही.
आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह उपचुनाव में महागठबंधन के घटक दलों के रवैये से बेहद नाराज हैं. हलांकि चुनाव खत्म होने के बाद आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने मोर दैन 50 परसेंट सीट पर जीत का दावा किया है. लेकिन इस दावे में विश्वास कम उत्साह ज्यादा दिख रहा है.
क्योंकि इसी दावे के साथ रघुवंश ये भी कह रहे हैं कि महागठबंधन के जो भी घटक दल अपने जनाधार का दावा कर रहे थे उन्हें भी अपनी हैसियत का एहसास हो जाएगा. जीतन राम मांझी ने महागठबंधन के घटक दलों हम वीआईपी और आरएलएसपी पर सवाल खडे करते हुए कहा है कि आखिर ये दल अपने अलग अलग दुकान क्यों चला रहे हैं. ये दल मर्ज क्यों नहीं कर जाते. अलग अलग दुकान चलाने के कारण जनता में भ्रम की स्थिती बन गयी है. बीजेपी को हराने के लिए गैर बीजेपी दलों को एकजुट होना ही होगा.
जीतन राम मांझी की ओर से व्यापक जनाधार होने का दावा करने पर भी रघुवंश ने हमला बोला. रघुवंश सिंह ने कहा कि मांझी काफी जनाधार वाले बनते हैं. इसलिए उन्होंने अलग अलग अपना कैंडिडेट दे दिया. लेकिन उनकी हैसियत लोकसभा चुनाव में ही पता चल चुकी है. खुद भी चुनाव लडा और चुनाव लडवाया भी कितना वोट आया सबको पता है. ठोकर लगने से इंसान सीख लेता है. अभी वक्त है लोगों को चेत जाने की जरुरत है.