आरएलएसपी नेता ने ऐलान किया है कि गोपालगंज से उनकी पार्टी ही उम्मीदवार उतारेगी. उन्होंने कहा है कि इसका फैसला महागठबंधन में किया गया है.
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गोपालगंजः बिहार में महागठबंधन के अंदर सीट शेयरिंग का फैसला अब तक नहीं हुआ है. वहीं, कई नेताओं का कहना है कि फैसला हो चुका है लेकिन खरमास के बाद इसका ऐलान किया जाएगा. इस बीच कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष श्याम सुंदर ने सीट शेयरिंग का नया फॉर्मूला दिया है. जिससे साफ है कि सीटों पर फैसला नहीं हुआ है. वहीं, सीटों की दावेदारी भी जारी है. आरएलएसपी नेता ने ऐलान किया है कि गोपालगंज से उनकी पार्टी ही उम्मीदवार उतारेगी. उन्होंने कहा है कि इसका फैसला महागठबंधन में किया गया है.
उपेंद्र कुशवाहा के महागठबंधन में शामिल होते ही माना जा रहा था कि वह गोपालगंज सीट पर दावेदारी कर सकते हैं. वहीं, आरएलएसपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री दसई चौधरी ने ऐलान किया है कि गोपालगंज सीट राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के खाते में गई है. इस सीट पर उपेंद्र कुशवाहा द्वारा उम्मीदवार तय किया जाएगा.
उन्होंने कहा है कि महागठबंधन के अंदर यह फैसला लिया गया है कि गोपालगंज से आरएलएसपी अपनी प्रत्याशी उतारेंगी. हालांकि उन्होंने कहा कि महागठबंधन में किस पार्टी को कितनी सीटें दी जाएगी. इसका ऐलान मकर संक्रांति के बाद किया जाएगा. लेकिन यह तय कर दिया गया है कि गोपालगंज से आरएलएसपी चुनाव लड़ेगी. इसलिए पार्टी ने यहां तैयारी शुरू कर दी है.
उन्होंने बताया कि गोपालगंज में संगठन को मजबूत करने को लेकर बैठक की जा रही है. इस लोकसभा सीट पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा तय करेंगे की यहां किसे उम्मीदवार बनाया जाए. पूर्व मंत्री ने कहा की रविवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा गोपालगंज आएंगे. यहां पार्टी नेताओ को संबोधित करेंगे और कुछ अहम फैसले लेंगे.
आपको बता दें कि कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष श्याम सुंदर ने शनिवार को कहा था कि महागठबंधन में सीट शेयरिंग आरजेडी और कांग्रेस के बीच होगा. जिसमें 20-20 सीटों का फॉर्मूला होगा. इन दोनों पार्टियों के सहयोगी दलों को आरजेडी और कांग्रेस अपने मुताबिक सीट देगी.
वहीं, आपको बता दें कि ऐसी परिस्थिति में उपेंद्र कुशवाहा कांग्रेस के साथ जाएंगे. क्यों कि महागठबंधन में शामिल होने की घोषणा के वक्त उन्होंने साफ कहा था कि वह यूपीए के साथ अपनी पार्टी का समर्थन दे रहे हैं. कांग्रेस के नेताओं ने उन्हें यूपीए में शामिल किया है.