जिन वाहनों के कागज या अन्य किसी चीज में कमी थी, उन्होंने मालिकों ने घरों में खड़ा कर दिया, जिससे पेट्रोल-डीजल की मांग घट गयी है.
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पटना: नया एमवीआई एक्ट यानि मोटर वाहन अधिनियम लागू होने के असर बिहार में पेट्रोल-डीजल की बिक्री पर भी पड़ा है. भारी चालन की वजह से दो और चार पहिया वाहनों के सड़क पर नहीं निकलने की वजह से ये स्थिति बनी है. बिहार पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन का कहना है कि 25 फीसदी तक बिक्री घट गयी है. इसका शहरों में ज्यादा और ग्रामीण इलाकों पर कम असर हुआ है.
नया एमवीआई एक्ट लागू होने के बाद से वाहनों के चालान कटने को लेकर रोज नयी तस्वीरें देखने को मिल रही हैं. एक सितंबर से लागू हुए एक्ट का कड़ाई से पालन शुरू हुआ, तो हजारों लोग इसकी जद में आ गये. इसका असर ये हुआ कि जिन वाहनों के कागज या अन्य किसी चीज में कमी थी, उन्होंने मालिकों ने घरों में खड़ा कर दिया, जिससे पेट्रोल-डीजल की मांग घट गयी है.
पेट्रोल-डीजल की बिक्री में औसतन 25 फीसदी की कमी आयी है, जिन पेट्रोल पंपों पर महीने में दो लाख लीटर की बिक्री होती थी, वो घट कर डेढ़ लाख लीटर से आसपास रह गयी है. एक सितंबर को जब नया एक्ट लागू हुआ था, उस समय सबसे ज्यादा असर पड़ा था. बिहार के परिवहन मंत्री संतोष निराला का कहना है कि अगर कोई नयी चीज लागू होती है, तो उसके फायदे और नुकसान दोनों होते हैं.
वहीं, बिहार के परिवहन मंत्री संतोष निराला ने कहा कि जब नया नियम लागू हुआ, तब ज्यादा असर देखने मिल रहा था. ग्रामीण इलाकों से तुलना करें, तो शहरों में पेट्रोल-डीजल की बिक्री ज्यादा घटी है. सरकार अगर नया नियम लागू करने से पहले 15-20 तैयारी के लिए देती, तो ज्यादा अच्छा रहता.
वहीं, पेट्रोलपंप कर्मचारी का कहना है कि पहले की तरह अब पेट्रोल पंपों पर ज्यादा भीड़ नहीं दिखती है. मुख्य सड़कों के पेट्रोल पंप भी अब खाली रहते हैं. यहां काम करनेवाले कर्मचारियों का कहना है कि बिक्री भले ही घट गई है, लेकिन नियम कड़ाई से लागू होना चाहिये, ताकि सड़क पर होनेवाली दुर्घटनाओं में कमी आए.