हादसे के बाद भी नहीं जागा रांची नगर निगम, अभी भी खुला है नाला, खतरे को दे रहा आमंत्रण
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हादसे के बाद भी नहीं जागा रांची नगर निगम, अभी भी खुला है नाला, खतरे को दे रहा आमंत्रण

मेयर आशा लकरा की मानें तो, हमने अपने साधन से पर्याप्त काम किया है. हमारे पास जो भी फंड थे उससे नाले का निर्माण और ढक्कन लगाया है. लेकिन अब हमारे पास फंड नहीं है, जिससे हम आगे का काम कर सकें.

 

5 वर्ष की फलक नामक बच्ची नाले के पानी में बह गई थी और उसकी मौत भी हो चुकी थी.(फाइल फोटो)

रांची: राजधानी रांची में नाले के निर्माण और मरम्मत करने के लिए नगर निगम ने 200 करोड़ रुपए खर्च किया. लेकिन हादसे के बाद भी रांची नगर निगम ने सबक नहीं लिया. दरअसल, पिछले वर्ष हिंदपीढ़ी के नाला रोड इलाके में ही 5 वर्ष की फलक नामक बच्ची नाले के पानी में बह गई थी और उसकी मौत भी हो चुकी थी.

बच्ची का शव 5 किलोमीटर दूर नामकुम में नाले से मिला था. लेकिन नाला रोड में अभी भी नालों की वही स्थिति है. नाले में तेज रफ्तार में पानी बह रहा है और खुला हुआ है. छोटे-छोटे बच्चे नाले के किनारे खेल रहे हैं. काफी घनी आबादी है इस वजह से नाले के किनारे घर भी है. इसलिए फिर से हादसों को आमंत्रण यह नाला दे रहा है.

वहीं, हिंदी इलाके के लोगों की मानें तो, लगातार निगम से शिकायत करने के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है. गंदगी का इस इलाके में अंबार लगा हुआ है. लेकिन कोई नहीं सुनने वाला है. कोरोना संक्रमण भी सबसे ज्यादा इसी इलाके में हुआ था.

इधर, वार्ड नंबर 23 की वार्ड पार्षद साजिदा खातून की मानें तो, इसके लिए नगर निगम और सरकार जिम्मेदार है. हम लगातार निगम बोर्ड की बैठक में इस नाले को ढकने की मांग उठाते रहे हैं. पूरे रांची का पानी इसी नाले से होकर गुजरता है. इसलिए हम सरकार से कई बार मांग कर चुके हैं कि, यहां बड़ा नाला बनाया जाए और जो नाले हैं उस पर ढक्कन दिए जाएं. लेकिन मेरी कोई नहीं सुनता है. ऐसे में फिर से एक बार हादसे को यह खुला नाला आमंत्रण दे रहा है.

रांची नगर निगम के मेयर आशा लकरा की मानें तो, हमने अपने साधन से पर्याप्त काम किया है. हमारे पास जो भी फंड थे उससे नाले का निर्माण और ढक्कन लगाया है. लेकिन अब हमारे पास फंड नहीं है, जिससे हम आगे का काम कर सकें. हालांकि, कोरोना संक्रमण खत्म होता है तो उसके बाद और भी कुछ व्यवस्था कर हम काम करेंगे. लेकिन सारे नाले को ढकने के लिए विशेष फंड की आवश्यकता है, जिसकी मांग हमने सरकार से किया है. अब देखना होगा कि सरकार इस दिशा में क्या कदम उठाती है.