बिहार कांग्रेस के साथ साथ रामविलास पासवान ने भी सवर्णों के लिए आरक्षण की मांग की है. वहीं, आरजेडी राजद नेता शिवानंद तिवारी ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि आरक्षण गरीबी मिटाने का हथियार नहीं है.
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पटना: बिहार में एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के विरोध में भारत बंद के बाद गरीब सवर्णों के लिए आरक्षण पर सियासत तेज हो गई है. वहीं, आपको बता दें कि बिहार कांग्रेस के साथ साथ रामविलास पासवान ने भी सवर्णों के लिए आरक्षण की मांग की है.
इस पर आज आरजेडी राजद नेता शिवानंद तिवारी ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि आरक्षण गरीबी मिटाने का हथियार नहीं है. रामविलास पासवान के सवर्णों के आरक्षण की मांग पर उन्होंने सवाल उठाया और कहा कि आखिर किस आधार पर सवर्णों को आरक्षण देने की रामविलास पासवान मांग कर रहे हैं.
साथ ही उन्होंने कहा कि संविधान में आरक्षण का प्रावधान सामाजिक बराबरी के लिए किया गया था. आपको बता दें कि रामविलास पासवान ने थी सवर्णों को 15 फीसदी आरक्षण देने की मांग की थी जिस पर शिवानंद तिवारी ने कहा कि 15 फीसदी सवर्णों की आबादी नहीं होगी.
साथ ही बंद पर भी आरजेडी उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा कि बीजेपी ही नहीं विपक्ष भी करता है बंद की राजनीति. सभी दल राजनीतिक फायदा उठाने के लिए बंद बुलाते हैं. उन्होंने ये भी कहा कि सवर्णों के बंद में बीजेपी का हाथ था और सर्मथन भी बीजेपी का झंडा लेकर सड़कों पर उतरे थे.