बिहार विधानसभा के बजट सत्र में सदन से पारित होंगे छह अहम विधेयक
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बिहार विधानसभा के बजट सत्र में सदन से पारित होंगे छह अहम विधेयक

इन विधेयकों पर सदन में आगे चर्चा होगी और इन्हें सदन से पास कराया जाएगा. गौरतलब है कि विधेयकों को राष्ट्रपति और राज्यपाल का अनुमोदन प्राप्त है.

सरकार विधानसभा में 6 विधेयक पारित कराएगी. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

पटना: नीतीश कुमार (Nitish Kumar) सरकार बजट सत्र के दौरान बिहार विधानमंडल से छह विधेयक पास कराएगी. इन्हें विधानसभा में सदन पटल पर कार्रवाई के पहले दिन रखा गया. विधानसभा के सचिव बटेश्वर नाथ पांडेय ने इसके बारे में सदस्यों को जानकादी दी और विधेयकों को सदन पटल पर रखे जाने की घोषणा की.

  1. सरकार ने जिन विधेयकों को सदन के पटल पर रखेगी उनमें-
  2. औद्योगिक विवाद ( बिहार संशोधन) विधेयक- 2018
  3. बिहार विनियोग ( संख्या-4) विधेयक- 2019
  4. बिहार विनियोग अधिकाई व्यय ( 1982-83 एवं 2004-2005) ( संख्या-2) विधेयक- 2019
  5. बिहार माल और सेवा कर ( संशोधन) विधेयक- 2019
  6. बिहार कराधान समाधान विधेयक- 2019
  7. बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद विधेयक- 2018

इन विधेयकों पर सदन में आगे चर्चा होगी और इन्हें सदन से पास कराया जाएगा. गौरतलब है कि विधेयकों को राष्ट्रपति और राज्यपाल का अनुमोदन प्राप्त है. वहीं, सत्र के पहले दिन आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट सदन पटल पर रखी गई, जिसमें विभिन्न पैमानों पर राज्य की आय-व्यय के बारे में जानकारी दी गई है.

बता दें कि मंगलवार को बिहार का का बजट विधानसभा में पेश होगा. इस बजट के राज्य के वित्त मंत्री सुशील मोदी सदन में पेश करेंगे. वहीं, चुनावी साल होने की वजह से बजट लोक लुभावन रहने की उम्मीद है. सरकार की ओर से आम लोगों की सविधाओं को और बढ़ाने की घोषणा हो सकती है. इसके साथ ही किसी तरह का अतिरिक्त बोझ राज्य के लोगों पर नहीं लगेगा. ऐसा माना जा रहा है.

वहीं, पूरे सत्र के दौरान विपक्ष की क्या रणनीति रहनेवाली है. इसका अंदाजा सत्र के पहले ही दिन देखने को मिला, जब दोनों सदनों का संयुक्त सत्र शुरू होने से पहले आरजेडी (RJD) और वामदलों के सदस्यों ने विधानसभा पोर्टिकों में प्रदर्शन किया और एनआरसी (NRC), सीएए (CAA) और एनपीआर (NPR) के मुद्दे पर सरकार को घेरा. विपक्षी सदस्यों का कहना था कि मुख्यमंत्री जो बात एनआरसी और एनपीआर को लेकर कहते हैं. उस पर सदन में चर्चा कराएं और सदन से प्रस्ताव पारित करवा कर केंद्र सरकार को भेज दें.