झारखंड: कोरोना से छोटे व्यवसायियों के व्यवसाय पर लगे ताले, कर्ज चुकाने की चिंता
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झारखंड: कोरोना से छोटे व्यवसायियों के व्यवसाय पर लगे ताले, कर्ज चुकाने की चिंता

झारखंड की राजधानी रांची के किशोरगंज में खटाल का व्यवसाय कर रहे गणेश राय ने बताया कि वे प्रतिदिन 35 से 40 लीटर दूध बेचते थे, लेकिन पिछले तीन दिनों से दूध लेने वाला कोई नहीं है. इस कारण दूध बर्बाद हो जा रहा है.

झारखंड में कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन के बाद छोटे व्यवसायियों को हो रही है काफी परेशानी. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

रांची: झारखंड में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा कर दी है, जिससे छोटे कारोबारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन छोटे कारोबारियों को ऋण चुकाने की चिंता सताने लगी है, जिन्होंने बैकों से ऋण लेकर अपना धंधा प्रारंभ किया है.

झारखंड की राजधानी रांची के किशोरगंज में खटाल का व्यवसाय कर रहे गणेश राय ने बताया कि वे प्रतिदिन 35 से 40 लीटर दूध बेचते थे, लेकिन पिछले तीन दिनों से दूध लेने वाला कोई नहीं है. इस कारण दूध बर्बाद हो जा रहा है.

गणेश ने कहा, होटल बंद हो गए. हमारे ज्यादा ग्राहक होटलवाले ही थे. अब कोई घरवाला मेरा दूध क्यों लेगा. उन्होंने कहा कि पांच गाय को भूसा और खाद्य सामग्री जुटाना महंगा हो गया है.

इधर, लालपुर क्षेत्र के पान दुकानदार मुकेश चौरसिया अपनी दुकान को बंद कर खड़ा था. उसे इंतजार वहां तैनात पुलिसकर्मियों को हटने का था, जो लॉकडाउन को पालन करवाने के लिए सख्ती कर रहे हैं. मुकेश पहले तो बात करने को ही राजी नहीं हुआ, लेकिन फिर बाद में कहा, "क्या करें सर? अगर एक दिन दुकान बंद कर देंगे तो खाएंगे क्या और बच्चों के स्कूलों की क्या फीस देंगे?"

मुकेश ने कहा कि सभी नौकरीपेशा करने वालों को तो वेतन मिल जाएगा, बड़े लोगों को इस लॉकडाउन का कोई प्रभाव नहीं पडेगा लेकिन हम जैसे लोगों के लिए दुकान बंद करना भी कोरोना से कम नहीं है. हम जैसे लोगों को तो दोनों तरफ मरना ही है.

लोहरदगा जिले के कुडू के समीप एक होटल चलाने वाले दुकानदार राजीव दुकान का चूल्हा जला रहे थे. उनके दुकान में कोई स्टॉफ नहीं आया था. उनके होटल के बाहर कई ट्रक खड़े थे.
Input:-IANS