कोविड-19 वैक्सीन को रखने के लिए स्टोरेज की व्यवस्था की जा रही: मंगल पांडेय
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कोविड-19 वैक्सीन को रखने के लिए स्टोरेज की व्यवस्था की जा रही: मंगल पांडेय

मंगल पांडेय ने कहा कि वैक्सीन को रखने के लिए स्टोरेज की व्यवस्था की जा रही है और पटना एम्स में भी तीसरे चरण का ट्रॉयल वैक्सीन को लेकर शुरु हो गया है.

 

बिहार के स्वास्थ्य मंत्री हैं मंगल पांडेय. (फाइल फोटो)

पटना: बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है. हालांकि, ठंड़ बढ़ने से इसकी संख्या में कुछ बढ़ोतरी हुई है. एहतियात अब भी जरुरी है, अच्छी बात यह है कि राज्य सरकार वैक्सीन को लेकर आशान्वित है और इसके लिए अभी से प्रयास किए जा रहे हैं. शनिवार को स्वास्थ्य विभाग सम्बंधित कई दूसरे विभागों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक कर कोरोना संक्रमण दूर करने के टीकाकरण के उपाय पर रणनीति बनाएगी. 

बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण का मामला अब नियंत्रण में है. राज्य भर में हो रहे जांच में पॉजिटिव आनेवाले संक्रमित व्यक्ति की संख्या अब सैकड़ों में है. राज्य में मात्र 5703 संक्रमित मामले हैं, प्रतिदिन लगभग एक लाख तीस हजार जांच की जा रही है, जिसमें 21 नवंबर को 262 पॉजिटिव मामले दर्ज किए गए और यह इसी के आसपास बना हुआ था. लेकिन पिछले तीन चार दिनों से अब पांच से छह सौ मामले संक्रमित आ रहे हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, यह बढ़ोतरी ठंड़ की वजह से हुई है.

स्टेट सर्विलांस ऑफिसर रागिनी मिश्रा के अनुसार, राज्य सरकार के कॉल सेंटर में भी अब कोरोना को लेकर आने वाले फोन कॉल की संख्या में भारी कमी आई है और पहले की तुलना में यह अस्सी फीसदी कम हो गई है. यानी पहले यदि 100 व्यक्ति कोरोना संक्रमण को लेकर जानकारी और सुझाव के साथ चिकित्स्कीय सुविधा के लिए फोन करते थे, वह अब मात्र 20 हो गई है.

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रागिनी मिश्रा के अनुसार, मार्च महीने से लॉक डाउन की स्थिति के बाद से कॉल सेंटर में एक लाख 73 हजार 126 कॉल आए जो सिर्फ कोरोना संक्रमण से संबंधित थे और उन सभी कॉल को अटेंड कर उसका निष्पादन किया गया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के स्वास्थ्य संबंधी कॉल सेंटर में मार्च महीने से अब तक कुल 18 लाख से ज्यादा कॉल आए हैं. 

उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण को लेकर रिकवरी रेट 97 फीसदी से भी ज्यादा है, जबकि राज्य में बेड ऑक्युपेंसी रेट एक फीसदी से भी कम है. यानि हॉस्पिटल में जितने बेड की व्यवस्था की गई है, उसमें 99 फीसदी खाली है और इसकी बड़ी वजह अब ज्यादातर संक्रमित व्यक्ति होम आइसोलेशन में रहना पसंद कर रहे हैं.

रागिनी मिश्रा ने कहा कि वैक्सीन को लेकर पटना एम्स (Patna AIIMS) में भी तीसरे चरण के ट्रॉयल की शुरुआत गुरुवार को हो गई है और जल्द ही इसके सकारात्मक परिणाम आने की उम्मीद है. अब टीकाकरण को लेकर राज्य सरकार आधारभूत व्यवस्था जुटाने में लगी है.

वहीं, बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि वैक्सीन को रखने के लिए स्टोरेज की व्यवस्था की जा रही है और पटना एम्स में भी तीसरे चरण का ट्रॉयल वैक्सीन को लेकर शुरु हो गया है, यह सफल हो जाता है या दूसरे किसी स्तर पर सफलता मिल जाती है तो आधारभूत संरचना तैयार रहने में सहज तरीके से सभी के पास यह पहुंच पाएगा और किसी तरह की असुविधा नहीं होगी. जो कमियां है स्टोरेज से लेकर ट्रांसपोर्टेशन में या किसी दूसरे स्तर पर उसे दूर किया जा रहा है. 

शनिवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव वैक्सीनेशन को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक कर रहे हैं, जिसमें पंचायती राज, समाज कल्याण, नगर विकास विभाग, समेकित बाल विकास परियोजना, पशु एवं मतस्य विभाग, परिवहन विभाग, आयुष समिति, नेहरू युवा केंद्र, एनएसएस के साथ स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ पदाधिकारी भाग लेंगे. यानी अब कोरोना संक्रमण के खिलाफ निर्णायक लड़ाई की तैयारी है और इसको लेकर उच्च स्तरीय योजना बनाई गई है उसका क्रियान्वयन सही तरह से हो इसको लेकर बैठकों का दौर जारी है.