हॉस्टल के ही कैंपस में छात्रों को जुटाकर अपनी बात कहते हैं और फिर निकल जाते हैं. छात्र भी उनकी बातों को ध्यान से सुन रहे हैं. दिनभर क्लास की थकान के बाद आजकल उनके सामने किताबों को पढ़ने के साथ-साथ छात्र संगठन के नेताओं के मूड को भी पढ़ने का टास्क है. पूरा पटना यूनिवर्सिटी इन दिनों उत्सवी माहौल में है.
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पटना: बिहार के पटना यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव के लिए कल चुनाव प्रचार खत्म हो जाएंगे. आज पूरा दिन छात्र संगठनों के सामने प्रचार के आखिरी मौका था लिहाजा उनकी तरफ से आज प्रचार-प्रसार की कोई कसर नहीं छोड़ी गई. चुनाव जीतने के लिए छात्र संगठन हॉस्टलों में जाकर रात में भी प्रचार कर रहे हैं ताकि वोटर अधिक से अधिक संख्या में उनकी तरफ मतदान कर सके.
हॉस्टल के ही कैंपस में छात्रों को जुटाकर अपनी बात कहते हैं और फिर निकल जाते हैं. छात्र भी उनकी बातों को ध्यान से सुन रहे हैं. दिनभर क्लास की थकान के बाद आजकल उनके सामने किताबों को पढ़ने के साथ-साथ छात्र संगठन के नेताओं के मूड को भी पढ़ने का टास्क है. पूरा पटना यूनिवर्सिटी इन दिनों उत्सवी माहौल में है. कोई छात्रसंगठन हाथ में झाड़ू लिए भारत माता की जय के नारे लगा रहा है तो कोई सामंतवाद और पूंजीवाद से आजादी के नारों का इस्तेमाल कर रहा है. अभी तो ये अंगड़ाई है आगे और लड़ाई है जैसे नारे भी लगाए जा रहे हैं.
मगध महिला कॉलेज सहित दूसरे कॉलेज में भी हाथ में डफली और जोशीले नारों के साथ चुनाव प्रचार किया जा रहा है. कई पुराने छात्र नेता भी अपने साथियों की मदद में लगे हैं. पिछली बार के विपरीत इस बार चुनाव में छात्र जेडीयू और छात्र आरजेडी थोड़ा पिछड़ता नजर आ रहा है. हालांकि एनएसयूआआई और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पूरी तरह जोर लगाए हुए हैं.
एबीवीपी के कार्यकर्ता दिन रात हाथ से ही बैनर और पोस्टर तैयार कर रहे हैं और छात्रों के बीच बांट रहे हैं. पटना यूनिवर्सिटी कैंपस और इसके दूसरे कॉलेजों में बड़े बड़े हाथों से बनाए पोस्टर और बैनर दिख रहे हैं. साथ ही कौन से उम्मीदवार का कौन सा नंबर बैलेट पेपर में मिला है. उसे भी छात्र संगठन के लोग छात्राओं को समझाते नजर आ रहे हैं.
आपको बता दें कि पटना यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ चुनाव में किसी भी संगठन के चिह्न का इस्तेमाल नहीं होता है बल्कि बैलेट पेपर पर उम्मीदवारों के नाम से साथ उनका सीरियल नंबर एक, दो, तीन चार जैसे होता है. इस बार चुनाव में मुख्य मुकाबला अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद,एआईएसएफ और छात्र जनअधिकार परिषद गठबंधन में है. हालांकि छात्र जेडीयू, आइसा ,और छात्र आरजेडी भी मकाबले को दिलचस्प बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
7 दिसंबर को छात्रसंघ चुनाव के लिए वोटिंग और फिर काउंटिंग भी है. गुरुवार को प्रेसिडेंसियल डिबेट भी है लिहाजा छात्र संगठनों के सामने प्रचार प्रसार के लिए काफी कम वक्त है. नतीजे चाहें जो हों लेकिन राजनीति का पहला कदम समझे जाने वाले छात्रसंघ चुनाव का अपना अलग रंग होता है और इस रंग से आजकल पटना यूनिवर्सिटी और इसके कॉलेज के कैंपस पूरी तरह सराबोर है.