तेजस्वी यादव ने विपक्ष के नेताओं को लिखा पत्र, कहा- न्यूज चैनलों की बहस से रहें दूर
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar505700

तेजस्वी यादव ने विपक्ष के नेताओं को लिखा पत्र, कहा- न्यूज चैनलों की बहस से रहें दूर

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने सोमवार को विपक्षी नेताओं से अपील की है कि वे न्यूज चैनलों पर होने वाली उन बहसों से दूर रहें.

तेजस्वी यादव ने पत्र लिखकर विपक्षी नेताओं को सलाह दी है. (फाइल फोटो)

पटना : बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने सोमवार को विपक्षी नेताओं से अपील की है कि वे न्यूज चैनलों पर होने वाली उन बहसों से दूर रहें, जिनमें किसी एक पार्टी के प्रति सहानुभूति दिखाते हुए विपक्ष को बदनाम करने की मुहिम चलाई जाती है. राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता ने विपक्षी नेताओं से आग्रह किया कि वे न्यूज चैनलों के इस अभियान के खिलाफ एकजुट और सामूहिक रुख अपनाएं.

तेजस्वी ने इस बाबत बीते आठ मार्च को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, बसपा प्रमुख मायावती, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लिखे पत्र को अपने ट्विटर अकाउंट पर साझा करते हुए कहा मीडिया पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिए पक्षपात करने का आरोप लगाया है.

आरजेडी नेता ने अपने पत्र में लिखा है, 'मैं आप सबको ये पत्र कई न्यूज चैनलों पर शाम के वक्त होने वाली बहस को लेकर लिख रहा हूं. जैसा कि आप जानते हैं इन चैनलों पर हर रोज शाम के वक्त एक खास उद्देश्य के तहत विपक्षी पार्टियों को बदनाम करने का कुचक्र रचा जाता है, ऐसे में अब ये एक प्रत्यक्ष सत्य है कि मीडिया का एक बड़ा तबका बीजेपी को चुनावी फायदा पहुंचाने के लिए काम कर रहा है.'

उन्होंने लिखा, 'किसी भी बहस में इस बात की उम्मीद की जाती है कि विपक्षी पार्टियां भी किसी मुद्दे पर अपनी राय रख सकेंगी. लेकिन जिस तरह से बहस को आगे बढ़ाया जाता है, उसमें साफ दिखता है कि उनका झुकाव सिर्फ एक पार्टी को फायदा पहुंचाने की तरफ है.' आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर तेजस्वी यादव के इस पत्र को साझा किया है.

बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने तेजस्वी के ट्वीट के जवाब में कहा, 'वो दिन भी याद कर लेना चाहिए जब सरकारी प्रसारक को 'इंदिरा दर्शन' और 'राजीव दर्शन' के नाम से देश की जनता पुकारती थी. इमरजेंसी के दौरान मीडिया पर प्रतिबंध याद है न? मीडिया को अपना काम करने दें.'

(भाषा इनपुट)