नई दिल्लीः सवर्ण आरक्षण पर आरजेडी अब डैमेज कंट्रोल करने में जुट गई है. हालांकि आरजेडी ने पहले सवर्ण आरक्षण को लेकर विरोध जताया था. संसद में आरजेडी सांसद मनोज झा ने इसका खुलकर विरोध किया था. वहीं, अब आरजेडी नेता कह रहे हैं कि उनकी पार्टी ने कभी सवर्ण आरक्षण का विरोध नहीं किया है. वहीं, बिहार में प्रतिपक्ष नेता तेजस्वी यादव भी कह रहे हैं कि वह गरीब सवर्ण आरक्षण के विरोधी नहीं हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आरजेडी की ओर से पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने बुधवार को बयान देते हुए कहा कि आरजेडी ने सवर्ण आरक्षण का कभी विरोध नहीं किया है. वहीं, उन्होंने संसद में विरोध को लेकर कहा कि पार्टी से चूक हुई है. वहीं, अब तेजस्वी यादव भी कह रहे हैं कि उनकी पार्टी ने सवर्ण आरक्षण को लेकर विरोध नहीं किया है.


तेजस्वी यादव ने गुरुवार को ट्विटर चौपाल का आयोजन किया था. जिसमें लोगों ने तेजस्वी यादव से सवर्ण आरक्षण को लेकर सवाल किया. साथ ही पूछा कि क्या तेजस्वी सवर्ण जाति के उम्मीदवार को टिकट देंगे या नहीं. सवर्ण आरक्षण पर पार्टी की इमेज खराब होने से बचाने के लिए तेजस्वी यादव ने भी कहा कि गरीब सवर्णों को आरक्षण दिये जाने का विरोध नहीं बल्कि आरक्षण के पैटर्न का विरोध कर रहे हैं.


उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने जो सवर्ण आरक्षण का जो विधेयक लाया उसमें आय की सीमा 8 लाख रुपये रखी गई है. वहीं, 5 एकड़ वाले जमीन मालिकों को भी गरीब बताया जा रहा है जो गलत है. अगर सरकार 20 से 25 हजार रुपये महीना कमाने वाले लोगों को गरीबी के दायरें में रखती तो माना जा सकता था.


तेजस्वी ने कहा कि आरक्षण के नाम पर केन्द्र सरकार ने लोगों को झुनझुना थमा दिया है. यहां सरकारी नौकरी है नहीं तो फिर किस बात का आरक्षण. तेजस्वी ने कहा कि हमारी पार्टी में भी जगतानंद और शिवानंद तिवारी जैसे सवर्ण नेता हैं. सवर्ण आरक्षण को लेकर गलत प्रचार किया गया है. हालांकि चुनाव में तेजस्वी सवर्ण उम्मीदवार को टिकट देंगे या नहीं इस सवाल का जवाब नहीं दे पाए.


बहरहाल, सवर्ण आरक्षण को लेकर आरजेडी पार्टी में ही दो तरह की बातें की जा रही है. वहीं, अब सवर्ण आरक्षण को लेकर आरजेडी डैमेज कंट्रोल में जुट गई है.