राबड़ी देवी के आवास पर होने वाली इस बैठक में तेजप्रताप यादव नहीं पहुंचे लेकिन उन्होंने चिट्ठी के जरिए अपने विचार तेजस्वी और पार्टी के नेताओं के सामने रखा.
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पटना: लोकसभा चुनाव में आरजेडी को मिली करारी हार के बाद पार्टी मंगलवार को हार की समीक्षा को लेकर बैठक का आयोजन किया. दो दिनों तक चलने वाली इस समीक्षा बैठक में आरजेडी के सभी नेता भाग लेने पहुंचे.
राबड़ी देवी के आवास पर होने वाली इस बैठक में तेजप्रताप यादव नहीं पहुंचे लेकिन उन्होंने चिट्ठी के जरिए अपने विचार तेजस्वी और पार्टी के नेताओं के सामने रखा. पत्र में तेजप्रताप यादव ने तेजस्वी को मेरे प्रिय अर्जुन कहा और अपनी पूरी बात रखी है.
उन्होंने पत्र में लिखा, 'मैंने हमेशा पार्टी के अंदर आपराधिक प्रवृति के लोगों एवं परिवार तोड़ने वालों के विरुद्ध आवाज उठाई. मैंने शुरू से ही योग्य, कर्मठ, ईमानदार, और स्थानीय स्वच्छ छवि एवं पार्टी के प्रति निष्ठावान लोगों को ही उम्मीदवार बनाने की मांग की. मैंने बार-बार आपको इर्द-गिर्द के लोगों से सावधान रहने को कहा था.' साथ ही तेजस्वी पर निशाना साधता हुए उन्होंने ये भी लिखा है कि जिन्होंने टिकट बांटा है उन्हें हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए.
साथ ही तेजप्रताप यादव ने अपनी मन की बात भी रखी और कहा कि मैंने सिर्फ दो सीटें ही मांगी थीं. जिसने टिकट बांटा और जो चुनाव लड़े उन्हें जिम्मेदारी लेनी चाहिए. साथ ही उन्होंने 2020 में साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई है. साथ ही उन्होंने लालू यादव को अपना राजनीतिक गुरू बताया और कहा कि बड़े भाई होने के नाते उनकी बात भी पार्टी में सुनी जाए.
इतना ही नहीं, तेजप्रताप यादव ने एक ट्वीट भी किया और कहा है कि जिसको तेजस्वी के नेतृत्व पे कोई शक है वो राजद पार्टी छोड़ दे. हालांकि एक तरफ जहां चिट्ठी में तेजप्रताप ने कहीं ना कहीं तेजस्वी पर निशाना साधा है और कहा कि जिन्होंने टिकट बांटा है उन्हें हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए तो वहीं बाद में तेजस्वी के लिए ही उन्होंने ट्वीट भी किया है.
जिसको तेजस्वी के नेतृत्व पे कोई शक है वो राजद पार्टी छोर दे।
— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) May 28, 2019
बहरहाल आरजेडी पार्टी को बचाने के लिए आगे क्या बड़े फैसले लेती है ये देखने वाली बात होगी. साथ ही तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव क्या बदलाव ला पाएंगे इसपर भी सबकी निगाहें होंगी.