पटना: तेजप्रताप ने दिखाया बड़ा दिल, बेघर महिला को दी पार्टी दफ्तर में रहने की जगह
लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने राजनीति में धीरे-धीरे पैर जमा रहे हैं और हर दिन कुछ ऐसा कर जाते हैं जिसकी वजह से वो सुर्खियों में रहते हैं.
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पटना: लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने राजनीति में धीरे-धीरे पैर जमा रहे हैं और हर दिन कुछ ऐसा कर जाते हैं जिसकी वजह से वो सुर्खियों में रहते हैं. जनता दरबार में उन्होंने एक ऐसा फैसला लिया जिसे देखकर वहां मौजूद लोग अचंभे में पड़ गए. एक महिला ने तेजप्रताप के दरबार से यह गुहार लगाई थी कि उनका आशियाना तोड़ दिया गया है.
फरियादी ने कहा कि उनके घर को प्रशासन ने तोड़ दिया है. इस फरियाद पर तेजप्रताप ने पहले महिला से यह पूछा कि आपका घर अवैध था फिर भी मैं प्रशासन से बात करुंगा. इसके साथ ही जब महिला ने पूरी रात सड़क पर गुजारने की बात कही तो तेजप्रताप भावुक हो गए और उन्होंने पार्टी दफ्तर में ही महिला के रहने के लिए झोपड़ी बनाने की इजाजत दे दी.
तेजप्रताप यादव पिछले कुछ दिनों से लगातार सुर्खियों में हैं और हर दिन जनता दरबार लगाते हैं. तेजप्रताप के इस फैसले के बाद महिला काफी खुश हुई. तेजप्रताप यादव ने काफी दिनों तक राजनीति से दूरी बनाए रखने के बाद जबरदस्त वापसी किया है और नेताओं के बयान पर भी जमकर पलटवार कर रहे हैं.
उन्होंने कल जनता दरबार में मीडिया से बातचीत के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के उस बयान को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने नक्सलियों को भाई बताया था. जी मीडिया से बात करते हुए लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप ने कहा कि जो आम आदमी का नहीं, वे कैसे हमारे भाई हो सकते हैं.
मांझी के बयान पर तेजप्रताप यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि नक्सलियों के साथ प्यार बात करनी चाहिए तो क्यों नहीं मांझी इसके लिए जाते हैं? उन्होंने कहा कि बोल देने भर से कुछ नहीं होता है. भाई का फर्ज निभाना होता है. तेजप्रताप ने कहा कि अगर नक्सली भाई हैं तो क्यों आम आदमी से लेकर नेताओं और अफसरों को मारते हैं. भाई होते तो वे किसी की जान नहीं लेते.