पर्यावरण संरक्षण के लिए दूसरी क्रांति की आवश्यकता, इसलिए मनाया जाता है बिहार पृथ्वी दिवस
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पर्यावरण संरक्षण के लिए दूसरी क्रांति की आवश्यकता, इसलिए मनाया जाता है बिहार पृथ्वी दिवस

वही केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों सीआरपीएफ, एसएसबी, आईटीबीपी, और सीआईएसएफ ने भी पौधे लगाये हैं. केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों में रेलवे ने 3 लाख 90 हजार और एनटीपीसी ने 3 लाख पौधारोपण करने का लक्ष्य रखा था. 

पर्यावरण संरक्षण के लिए दूसरी क्रांति की आवश्यकता, इसलिए मनाया जाता है बिहार पृथ्वी दिवस.

पटना: बिहार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि विभाग की ओर से रविवार को बिहार पृथ्वी दिवस का कार्यक्रम पूरे राज्य में आयोजित किया गया. मुख्यमंत्री की पहल पर बिहार पृथ्वी दिवस की शुरूआत वर्ष 2011 में हुई थी. 

इसके पीछे सोच ये थी कि जिस तरह से हम 9 अगस्त को 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन की याद में अगस्त क्रांति दिवस मनाते हैं, उसी तरह से पर्यावरण की रक्षा के लिए एक दूसरी क्रांति की आवश्यकता है. इसी को ध्यान में रखते हुए 9 अगस्त 2011 से बिहार पृथ्वी दिवस मनाया जाने लगा. इस दिन पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर सभी लोग संकल्प लेते हैं.

दीपक कुमार सिंह ने बताया कि बिहार में हरित आवरण बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर वर्ष 2012 में हरियाली मिशन की स्थापना की गई थी, इसके अंतर्गत 20 करोड़ से ज्यादा पौधे वन एवं वन क्षेत्र के बाहर लगाये गये हैं. इसी कड़ी में वर्ष 2019 में जल-जीवन-हरियाली अभियान की शुरूआत की गई. 

इस वर्ष विभाग ने जल-जीवन-हरियाली अभियान के एक अव्यव के रूप में 2.51 करोड़ पौधे लगाने का रखा था. 5 जून से प्रारंभ कर 9 अगस्त की अवधि में पूर्ण जन सहभागिता के साथ 2.51 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया था. इस अभियान की खासियत ये थी कि संख्या के साथ ही जन सहभागिता पर जोर दिया गया ताकि पेड़ों की सुरक्षा भी हो सके. 

इसी को ध्यान में रखते हुए विभाग ने इस अभियान में 70 लाख परिवारों का सहयोग प्राप्त किया. इसके अलावा 8 हजार से ज्यादा पंचायतों ने मनरेगा के तहत अभी तक 1 करोड़ 2 लाख पौधे लगाये हैं. वन विभाग ने अपनी योजनाओं के तहत वन क्षेत्र एवं वन क्षेत्र के बाहर करीब 1 करोड़ 20 लाख से ज्यादा पौधे लगाये हैं. 

वही केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों सीआरपीएफ, एसएसबी, आईटीबीपी, और सीआईएसएफ ने भी पौधे लगाये हैं. केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों में रेलवे ने 3 लाख 90 हजार और एनटीपीसी ने 3 लाख पौधारोपण करने का लक्ष्य रखा था. 

इसके अलावा बड़ी संस्थाएं जैसे लायंस क्लब और रोटरी क्लब के साथ ही धार्मिक न्यास पर्षद, शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड, गुरुद्वारा प्रबंधन समिति और गौशाला समितियों को भी इस कार्यक्रम में जोड़ा गया. एनसीसी और आर्मी का भी इसमें सहयोग मिला. 

2012 में हरियाली मिशन की शुरूआत के बाद से ये जन सहभागिता से वृक्षारोपण का सबसे बड़ा कार्यक्रम था. इस बार लोगों को उनकी पसंद के मुताबिक पौधे उपलब्ध कराये गये. 1 करोड़ 40 लाख से ज्यादा फलदार पौधे लगाये गये हैं. 2 करोड़ 51 लाख पौधारोपण के विरुद्ध आज की तारीख तक 3 करोड़ 47 लाख वृक्ष लगाये गये हैं. ये कार्यक्रम अगस्त महीने के अंत तक चलता रहेगा. विभाग को उम्मीद है कि 4 करोड़ के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जायेगा.

दीपक कुमार सिंह ने कहा कि आज पटना में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री और पथ निर्माण मंत्री द्वारा आर-ब्लॉक गोलंबर के पास पौधारोपण किया गया. इसी तरह का कार्यक्रम आज पूरे बिहार में 10 हजार से ज्यादा जगहों पर हुआ. सभी पंचायतों में कम से कम एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. 

प्रखंड मुख्यालयों, जिला मुख्यालयों, अनुमंडल मुख्यालयों के साथ ही विभिन्न विभागों खासकर कृषि विभाग ने अपने कार्यालयों एवं फर्मों पर पौधारोपण किया.