निकाह के पहले मुजफ्फरपुर के मुरौल के मोहम्मदपुर कोठी में तिरहुत नहर का तटबंध टूट गया. इस कारण दुल्हन का गांव बाढ़ से घिर गया. और एक पल को लगा कि शादी अब नहीं हो पाएगी.
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समस्तीपुर: कहते हैं लोग आपदा में भी अवसर तलाश लेते हैं. ऐसा ही कुछ बिहार में भी पिछले कुछ दिनों में देखने को मिला है. कोरोना काल में डिजिटल शादियां हुईं, अब बाढ़ में भी शादियां थमीं नहीं हैं. बस तरीके और भी जुगाड़ रूपी हो गए है.
बिहार में बाढ़ प्रभावित एक ऐसा क्षेत्र जहां शादी की रश्म अदा करने दूल्हा किसी चार पहिया वाहन से नहीं बल्कि नाव से आया. बाढ़ प्रभावित बिहार में ऐसा भी निकाह हो सकता है ऐसा किसी ने नहीं सोचा था. नाव पर आए दूल्हा निकाह के बाद नाव पर ही दुल्हन को ले भी गया.
दिलचस्प बात यह रही कि इस बीच बारातियों ने पानी में जमकर डांस किया. सकरा प्रखंड के भटंडी गांव के मोहम्मद शहीद की पुत्री मजदा खातून का निकाह समस्तीपुर के ताजपुर थाने के मुसापुर गांव निवासी मोहम्मद इकबाल के पुत्र मोहम्मद हसन रजा के साथ तय था.
निकाह के पहले मुजफ्फरपुर के मुरौल के मोहम्मदपुर कोठी में तिरहुत नहर का तटबंध टूट गया. इस कारण दुल्हन का गांव बाढ़ से घिर गया. और एक पल को लगा कि शादी अब नहीं हो पाएगी.
लेकिन आपदा में ही अवसर तलाशते हुए बाढ़ के पानी के बीच ही दोनों का निकाह हुआ और जल को साक्षी मान कर ही दोनों ने साथ रहने की कसमें भी अदा कीं.