करवा चौथ व्रत का जो स्वरूप भारत भर में हर जगह दिखता है, बिहार की परंपरा के रंग उससे बेहद अलग हैं. खासतौर पर चंपारण में. यहां करवा चौथ व्रत को गउर चौथ के रूप में मनाया जाता है और महिलाएं चांद की पूजा गौरी मां यानी कि माता पार्वती तक अपनी विनती पहुंचने के लिए करती हैं. बिहार की संस्कृति का आधार मिथिला की परंपरा है. यहां की आराध्य देवी सीता ही हैं. रामायण के अनुसार यह सामने आता है कि श्रीराम को पाने के लिए सीता जी ने गौरी पूजा की थी.