नई दिल्ली: वक्फ संशोधन विधेयक 2024 का आधार पिछले साल मार्च 2023 में रखा गया, जब वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने इस मामले में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की. उन्होंने वक्फ अधिनियम की कुछ धाराओं को चुनौती दी और केंद्र सरकार से "ट्रस्ट और ट्रस्टी, धर्मार्थ संस्थानों और धार्मिक संपत्तियों के लिए एक समान कानून" बनाने की मांग की. केंद्र ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि वक्फ अधिनियम की विभिन्न प्रावधानों को चुनौती देने वाली लगभग 120 याचिकाएं देशभर में विभिन्न अदालतों में लंबित हैं. जानिए अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने क्या कहा.