बोकारो : शादी के बंधन में बंधी दृष्टिबाधित जोड़ी, दोनों ही कर रहे हैं बैंक में नौकरी
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बोकारो : शादी के बंधन में बंधी दृष्टिबाधित जोड़ी, दोनों ही कर रहे हैं बैंक में नौकरी

जन्म से ही दिव्यांग युवक-युवती ने अपनी दिव्यांगता को धता बताते हुए मजबूत जज्बे के साथ उच्च शिक्षा हासिल कर अलग-अलग बैंको में नौकरी प्राप्त की. दोनों परिवारों की रजामंदी के पश्चात सोमवार को परिणय सूत्र में बंधकर एक-दूसरे के हो गये.

शादी के बंधन में बंधी दिव्यांग जोड़ी.

मृत्युंजय मिश्रा, बोकारो : झारखंड के बोकारो जिला के गोमिया प्रखंड के होसिर पश्चिमी पंचायत में दिव्यांग युवक-युवती परिणय सूत्र में बंधे. गोमिया होसिर की रीना कुमारी दोनों आंखों से दिव्यांग होते हुए भी बैंक क्लर्क की नौकरी में सफलता हासिल की. वह दिल्ली में पंजाब नेशनल बैंक की शाखा में काम कर रही हैं. बिहार के जहानाबाद के रहने वाले मुन्ना कुमार से उनकी शादी हुई, जो कि बैंक ऑफ इंडिया में नौकरी कर रहे हैं. दोनों आंखों से दिव्यांग हैं. 15 अप्रैल को वह बारात लेकर लड़की के गांव पहुंचे. खुशी-खुशी लड़की के साथ विवाह कर विदा हुए.

जन्म से ही दिव्यांग युवक-युवती ने अपनी दिव्यांगता को धता बताते हुए मजबूत जज्बे के साथ उच्च शिक्षा हासिल कर अलग-अलग बैंको में नौकरी प्राप्त की. दोनों परिवारों की रजामंदी के पश्चात सोमवार को परिणय सूत्र में बंधकर एक-दूसरे के हो गये.

रीना कुमारी जन्म से ही दोनों आंखों से दृष्टिबाधित थी. माता-पिता बेटी की भविष्य को लेकर हमेशा चिंतित रहा करते थे. रीना हमेशा उन्हें सांत्वना देते हुए कहती थी कि उसके भविष्य के लिए जो कुछ होगा, अच्छा ही होगा. रीना स्वयं को दिव्यांग होने का एहसास कभी नहीं होने दिया. स्कूल की पढ़ाई में हमेशा अव्वल आने के कारण विद्यालय प्रबंधन के द्वारा प्रायः उसे सम्मानित किया जाता रहा.

रांची से मैट्रिक की परीक्षा में अव्वल आने के कारण उसे कई सम्मान मिले. अपने मजबूत जज्बे के कारण रीना दिल्ली स्थित पंजाब नेशनल बैंक में क्लर्क के पद पर कार्यरत है. वहीं, बिहार राज्य के जहानाबाद निवासी अर्जुन ठाकुर का के बेटे मुन्ना कुमार भी जन्म से ही दोनों आंखों से दिव्यांग हैं. रीना की तरह इन्होंने भी अपने जीवन पर दिव्यांगता का असर नहीं होने दिया. मुन्ना कुमार दिल्ली स्थित बैंक ऑफ इंडिया में क्लर्क के पद पर कार्यरत हैं.

सोमवार को दोनों परिवारों की रजामंदी से रीना और मुन्ना शादी के बंधन में बंध गए. परिवार के लोग चाह रहे थे कि किसी सामान्य लड़के से बेटी की शादी हो, लेकिन रीना ने साफ मना कर दिया. उसने अपने तरह ही किसी दिव्यांग लड़के की खोज करने के लिए अपने माता-पिता से कहा. आज परिजन भी इस शादी से बहुत खुश हैं, क्योकि यह समाज के लिए एक उदाहरण है.