बेतिया: बिहार के नदियों में इन दिनों जलस्तर बढ़ा हुआ है. ऐसे में आए दिन कोई न कोई हादसा होते रहता है. बीते दिनों बिहार में एक शिक्षक की स्कूल जाने के क्रम में नदी में डूबकर मौत हो गई थी. वहीं आज बेतिया नदी पार कर 22 शिक्षकों की जान पर बन आई. जिसके बाद लोगों ने किसी तरह उनकी जान बचाई. दरअसल बेतिया के बैरिया प्रखंड के पूजहा श्रीनगर घाट पर 22 शिक्षक सुबह आठ बजे नाव पर बैठकर श्रीनगर अपने अपने स्कूल जा रहे थे. तभी बीच मझधार में दो नाव आपस में टकरा गई. जिस नाव पर शिक्षक बैठे थे वह नाव डूब गई. इस दौरान किनारे बांध पर बैठे पांच ग्रामीणों ने नदी में छलांग लगा दी और नाव में सवार में आधा दर्जन महिला शिक्षिकाओं को बचाया.


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सभी शिक्षकों को इन जाबाज फरिश्तों ने नदी से बाहर निकाला. वहीं घटना के बाद से शिक्षकों के भय का माहौल है. शिक्षकों को कहना है कि आज उन्हें दूसरी जिंदगी मिली है. शिक्षकों का कहना है सरकार ने आदेश दिया था की गंड़क पार जाने के लिए शिक्षकों को नाव दिया जायेगा लाइफ जैकेट दिया जायेगा लेकिन हमलोगों को कोई सुविधा नहीं दिया गया है. प्रतिदिन जान हथेली पर रख गंड़क नदी पार कर पढ़ाने जाना पड़ता है. इस घटना के बाद महिला शिक्षकों के आंखों से आंसू निकल गए.


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महिला शिक्षिकाएं सरकार से दूसरे जगह पोस्टिंग के लिए गुहार लगा रही हैं. बहरहाल आज एक बड़ा हादसा होते हुए बाल बाल बच गया है. सभी को स्थानीय युवाओं ने बचा लिया है. वहीं शिक्षकों को बचाने वाले युवकों का नाम राजेश मुखिया, राधेश्याम मुखिया, प्रदीप कुमार, रामचंद्र मुखिया और लालबाबू मुखिया बताया जा रहा है. वहीं एक शिक्षिका की स्थिति नाजुक है जिनका नाम आभा कुमारी है. फिलहाल उन्हें जीएमसीएच में भर्ती कराया गया है.


इनपुट- धनंजय द्विवेदी


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