श्रीनगर: नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि बीजेपी ने पुलवामा हमले का ‘‘राजनीतिकरण’’ कर दिया है और ‘विपक्षी पार्टियों पर हमले के लिए इसका इस्तेमाल कर रही’ है.


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असम में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की उस रैली के बाद उमर ने यह बयान दिया जिसमें शाह ने कहा,‘सीआरपीएफ जवानों का त्याग व्यर्थ नहीं जाएगा क्योंकि केंद्र में कांग्रेस की सरकार नहीं बल्कि बीजेपी की सरकार है.’



उमर ने ट्वीट किया,‘जब विपक्ष सरकार की नाकामियों को उजागर करने का अपना राजनीतिक कर्तव्य निभाएगा तो अब बीजेपी और उसके पालतू चैनलों को पीड़ित की तरह नहीं पेश आना चाहिए. पुलवामा हमले का राजनीतिकरण बीजेपी ने किया है और विपक्षी पार्टियों पर हमले के लिए इसका इस्तेमाल कर रही है. शर्म आनी चाहिए.’


कश्मीरियों को ‘निष्कासित’ कर किसके उद्देश्य पूरे किए जा रहे हैं: अब्दुल्ला
इससे पहले उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने पुलवामा आतंकी हमले के बाद देश में कुछ स्थानों पर कश्मीरियों को कथित तौर पर प्रताड़ित किए जाने पर रविवार को कहा कि कश्मीर महज जमीन का एक टुकड़ा नहीं है, बल्कि यह लोगों से मुकम्मल होता है.


जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कश्मीरियों पर हमले कर लोग कह रहे हैं कि कश्मीर घाटी के बाहर उनके लिए कोई जगह नहीं है और देश की मुख्य भूमि (शेष भारत) में उनका कोई भविष्य नहीं है. उन्होंने ट्वीट कर पूछा,‘...कश्मीरियों को ‘निष्कासित’ कर किसके उद्देश्य पूरे किए जा रहे हैं.’


उमर ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर के बाहर पढ़ाई कर रहे कश्मीरी छात्रों को वैसे लोगों के उदाहरण के रूप में देखना चाहिए, जो कश्मीर में राजनीति और संघर्ष से अलग रहते हैं और जिन्होंने इसके बजाय अपने लिए एक भविष्य बनाना चुना है. लेकिन उन पर हमले कर, उन्हें आतंकित कर और उन्हें शरण लेने को मजबूर कर, उनसे कहा जा रहा है कि घाटी के बाहर उनके लिए कोई जगह नहीं है और न ही मुख्यभूमि पर उनके लिए कोई भविष्य है.' 


उन्होंने कहा,'...कश्मीर महज जमीन का एक टुकड़ा नहीं है, बल्कि यह लोगों से मुकम्मल होता है.' उनका यह बयान जम्मू में कश्मीरियों पर हमले होने और राज्य के बाहर कुछ स्थानों पर उन्हें प्रताड़ित किए जाने की घटनाओं के बाद आया है. उमर ने कहा कि दुश्मन कश्मीर घाटी के लोगों और देश के बाकी हिस्सों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रहा है.


गौरतलब है कि उन्होंने शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर देश के विभिन्न हिस्सों में कश्मीरी छात्रों और व्यापारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की थी. 


(इनपुट - भाषा)