नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर का सामना कर रही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में ब्लैक फंगस (Black Fungus) के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं. इस बीमारी की वजह से एक व्यक्ति की जान भी चली गई है.


रोजाना मिल रहे 20 से अधिक मरीज


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AIIMS दिल्ली में न्यूरोलॉजी विभाग की प्रो एमवी पद्मा श्रीवास्तव ने इस पर चिंता जताते हुए कहा, 'हमने तीन अंकों का आंकड़ा पार कर लिया है. इसी के चलते हमने एम्स ट्रॉमा सेंटर (JPNA Trauma Center) और एम्स झज्जर (NCI-AIIMS) में अलग से म्यूकर वार्ड (Mucor Wards) बनाए हैं. रोजाना हमें ब्लैक फंगस के 20 से अधिक मामले मिल रहे हैं.'



शुगर मरीजों को कोरोना हुआ तो ज्यादा परेशानी


उन्होंने बताया कि 'लो इम्यूनिटी होने के कारण ब्लैक फंगस के होने का संदेह बहुत अधिक होता है. यदि शुगर पेशेंट को कोरोना हो जाता है, तो उन्हें अपने शुगर लेवल पर ज्यादा ध्यान देने और उसे कंट्रोल में रखने की जरूरत है. ऐसे मरीजों को स्टेरॉयड का तर्कसंगत उपयोग करना चाहिए. 


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ज्यादा स्टेरॉयड देने से बढ़ता है फंगस का खतरा?


AIIMS दिल्ली के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा, आमतौर पर 5 से 10 दिन तक ही स्टेरॉयड की जरूरत पड़ती है, इससे ज्यादा दिनों तक मरीज को यह दवाएं दी जाएं तो ब्लैक फंगस की आशंका काफी बढ़ जाती है. स्टेरॉयड दे रहे हैं तो मरीज की पूरी निगरानी करना भी स्वास्थ्य कर्मचारियों की जिम्मेदारी है. ब्लैक फंगस से बचने के लिए मरीज की निगरानी बहुत जरूरी है.


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क्या होता है ब्लैक फंगस? किन्हें होती है ये बीमारी


ब्लैक फंगस एक दुर्लभ फंगल इंफेक्शन है, जो मोल्ड्स या फंगी के एक समूह की वजह से होता है. ये साइनस या फेफड़ों को प्रभावित करता है. कोरोना को हराने के 14 से 15 दिन बाद ब्लैक फंगस के मामले भारत में देखे जा रहे हैं. हालांकि, कुछ मरीजों में पॉजिटिव होने के दौरान भी यह पाया गया है. यह बीमारी सिर्फ उन्हें होती है जिनके शरीर की इम्यूनिटी कम होती है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अभी तक देश के 11 राज्यों में यह फैल चुका है.


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क्या होते हैं ब्लैक फंगस के संभावित लक्षण?


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन सिंह ने ट्वीट कर बताया है कि आंखों में लालपन या दर्द, बुखार, खांसी, सिरदर्द, सांस में तकलीफ, साफ-साफ दिखाई नहीं देना, उल्टी में खून आना या मानसिक स्थिति में बदलाव ब्लैक फंगस के लक्षण हो सकते हैं.


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