Black Magic In Karnataka Politics: कर्नाटक की राजनीति में एक बार फिर 'काले जादू' की एंट्री हुई है. डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने गुरुवार को दावा किया कि उनके राजनीतिक विरोधी काला जादू कर रहे हैं. शिवकुमार ने कहा कि कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के लिए 'शत्रु भैरवी यज्ञ' किया जा रहा है. इस यज्ञ में जानवरों की बलि दी जाती है. शिवकुमार ने कहा कि यज्ञ केरल के राजराजेश्वरी मंदिर में हो रहा है. उन्होंने यह नहीं बताया कि यह सब करवा कौन रहा है.


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शिवकुमार ने आरोप लगाया कि काला जादू करने के लिए तांत्रिकों को बुलाया गया है. उन्होंने कहा कि कुछ अघोरी भी अनुष्ठान में शामिल हैं. उन्होंने कहा, 'हमें जानकारी मिली है कि काले जादू के लिए 21 लाल बकरियां, तीन भैंसें, 21 काली भेड़ें और पांच सुअर लाए गए हैं, जिनकी बलि दी जाएगी.'


कर्नाटक: राजनीति पर अंधविश्वास की छाया


कर्नाटक की राजनीति पर अक्सर काले जादू, तंत्र-मंत्र जैसे अंधविश्वासों का साया रहा है. अंधविश्वास के चलते ही कर्नाटक विधानसभा में दक्षिण के मुंह वाला दरवाजा करीब 25 साल तक बंद रहा. तत्कालीन सीएम जेएच पटेल के चुनाव हारने के बाद सब मानने लगे कि यह दरवाजा शापित है. जो कोई सीएम इस दरवाजे का इस्तेमाल करेगा, अगले चुनाव में उसकी कुर्सी चली जाएगी. जून 2023 में सीएम सिद्धारमैया ने आखिरकार उस दरवाजे को खुलवाया. दरवाजा खोलने के लिए शनिवार का दिन चुना गया क्योंकि यह शनिदेव का दिन होता है. सिद्धारमैया ने तब कहा था कि वह अंधविश्वास में यकीन नहीं करते.


पिछले साल विधानसभा चुनाव के दौरान, तमाम उम्मीदवारों ने अंधविश्वास और काले जादू का सहारा लिया. नामांकन से पहले अजीब अनुष्ठानों से लेकर तांत्रिकों तक की मदद ली गई. न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में, चुनावी ड्यूटी में तैनात रहे एक अधिकारी ने बताया कि अधिकतर उम्मीदवारों ने नामांकन पत्रों को उत्तर दिशा में प्वाइंट करते हुए जमा कराया. 


2011 में जब बीजेपी सत्ता में थी, तत्कालीन सीएम बीएस येदियुरप्पा ने दावा किया कि उनके विरोधी तंत्र-मंत्र में लगे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, येदियुरप्पा तीन दिन तक नग्न सोये. 'बुरा साया' भगाने के लिए उन्होंने एक नदी में 12 सूर्य नमस्कार किए, वह भी नग्न. एक रिपोर्ट के अनुसार, अपने दुश्मनों की चाल काटने के लिए उन्होंने गधे की बलि भी करवाई.


जनता दल (सेक्युलर) प्रमुख और पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा पर भी काला जादू करने के आरोप लगे हैं. 2015 में जब कांग्रेस कार्यकर्ता बेंगलुरु में JD(S) के ऑफिस पर कब्जा कर रहे थे, उन्हें परिसर के अंदर लाल कपड़े में लिपटा हुआ नींबू, मिर्च और सिंदूर मिला.


कर्नाटक में अंधविश्वास के खिलाफ कानून


कर्नाटक में अंधविश्वास से जुड़ी परंपराओं का चलन रहा है. कुछ मंदिरों में मेड स्नान की प्रथा है जिसमें लोग ब्राह्मणों के छोड़े गए भोजन पर लोटते हैं. अन्य अनुष्ठानों में जलते हुए अंगारों पर चलना और बच्चों को मंदिर की छत से कपड़े पर फेंकना शामिल है. 2014 में, सिद्धारमैया सरकार ने मेड स्नान, काले जादू समेत कई तरह की प्रथाओं को बैन करने का प्रस्ताव रखा. तब उसका खूब विरोध हुआ था. 2017 में यह बिल विधानसभा से पास हुआ, लेकिन अगले तीन साल तक उसे लागू नहीं किया गया. आखिरकार जनवरी 2020 से इस कानून को प्रभावी किया गया.


इस कानून के तहत, किसी भी प्रकार का काला जादू करने, खजाने या इनाम की तलाश में अमानवीय कार्य और बुरी प्रथाओं, शारीरिक और यौन उत्पीड़न सहित तांत्रिक कृत्यों, लोगों को नग्न परेड कराने जैसी प्रथाओं, किसी अनुष्ठान के नाम पर किसी व्यक्ति को बहिष्कृत करने और उक्त अनुष्ठानों के दौरान अमानवीय कृत्यों को प्रोत्साहित करने, भूत-प्रेत भगाने, भूत-प्रेत भगाने के बहाने लोगों पर हमला करने, गलत सूचना देने और भूत-प्रेत और काले जादू के बहाने दहशत जैसी स्थिति पैदा करने आदि पर प्रतिबंध है.