नई दिल्ली: यदि आप इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने में लेटलतीफी करते हैं तो अब अपनी यह आदत सुधार लें. सरकार ने बजट 2021 (Budget 2021) में लेट फीस के साथ भरी जाने वाले ITR की समय सीमा 31 मार्च से घटाकर 31 दिसंबर कर दी है. 


लेट फीस के साथ ITR भरने की समय सीमा घटाई गई


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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को  बजट (Budget 2021) घोषित करते हुए इस बारे में ऐलान किया. बजट के नए प्रावधानों के मुताबिक अब लेट फीस के साथ भरी जाने वाले ITR की समय सीमा तीन महीने घटा दी गई है. अभी तक वित्तीय वर्ष के लिए इनकम टैक्‍स रिटर्न (Income tax return) 31 जुलाई तक फाइल करना होता है. यह डेडलाइन खत्‍म हो जाने पर वह लेट फीस के साथ 31 मार्च तक ITR जमा किया जा सकता है. लेकिन अब उसे लेट फीस के साथ हर हाल में 31 दिसंबर तक रिटर्न जमा कराना होगा. 


इस साल एक अप्रैल से लागू हो जाएंगे ITR के नए नियम


यदि कोई करदाता 31 जुलाई की निर्धारित तारीख तक टैक्‍स रिटर्न फाइल नहीं कर पाता है तो उसके पास बिलेटेड ITR फाइल करने का विकल्‍प रहता है. वह अब तक लेट फीस देकर 31 मार्च तक ITR जमा कर सकता था. इसके अलावा यदि ओरिजनल टैक्‍स रिटर्न में कोई गलती हो जाए तो करदाता 31 मार्च तक रिवाइज्‍ड इनकम टैक्‍स रिटर्न दाखिल कर सकता था. लेकिन अब उसे यह सुविधा केवल 31 दिसंबर तक मिलेगी. ITR पर केंद्र के नए नियम इस साल 1 अप्रैल से लागू हो जाएंगे. 


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देरी से ITR जमा कराने पर देनी पड़ती है लेट फीस


वर्तमान नियमों के तहत यदि कोई करदाता 31 जुलाई से 31 दिसंबर कर ITR दाखिल करता था तो उसे 5 हजार रुपये लेट फीस चुकानी पड़ती थी. जबकि 1 जनवरी से 31 मार्च तक रिटर्न फाइल करने पर 10 हजार रुपये लेट फीस देनी पड़ती थी. अब लेट फीस के साथ ITR भरने की समय सीमा में 3 महीने की कमी कर दी गई है. ऐसे में लोगों को हर हालत में 31 दिसंबर तक रिटर्न का काम निपटाना पड़ेगा वर्ना उनका ITR स्वीकार नहीं होगा. 


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