मॉल, होटल, धार्मिक स्थलों को लेकर सरकार ने जारी की नई गाइडलाइंस, जानें अब क्या जरूरी
केंद्र सरकार ने होटल, रेस्टोरेंट, मॉल और दफ्तरों को लेकर नए सिरे से गाइडलाइन जारी की है. नई गाइडलाइन के अनुसार मॉल में सोशल डिस्टेंसिंग के लिए 6 फीट की दूरी जरूरी होगी.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने होटल, रेस्टोरेंट, मॉल, धार्मिक स्थलों और दफ्तरों को लेकर नए सिरे से गाइडलाइन जारी की है. Lockdown में छूट मिलने के बाद जैसे-जैसे होटल, रेस्टोरेंट्स, मॉल खुल रहे हैं और दफ्तरों में कामकाज शुरू हो रहा है, इसे ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना (Corona) संक्रमण से बचाव के लिए इन सभी के लिए नई गाइडलाइन जारी की है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक कुछ गाइडलाइंस ऐसे हैं, जो सामान्य तौर पर हर जगह पालन किए जाने हैं. वहीं, मॉल के लिए अलग गाइडलाइन जारी हुई है. नई गाइडलाइन के अनुसार मॉल में सोशल डिस्टेंसिंग के लिए 6 फीट की दूरी जरूरी होगी. इसके अलावा, मॉल में हर किसी को मास्क लगाना जरूरी होगा. थूकने पर पूरी तरह से पाबंदी रहेगी. इसके अलावा सभी मॉल को अन्य सभी जरूरी गाइडलाइंस का पालन करना होगा.
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मॉल के गेट पर भी सैनिटाइजर रखना जरूरी होगा. इसके साथ-साथ एंट्री के दौरान ही थर्मल स्क्रीनिंग की भी व्यवस्था करनी होगी. स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश में साफ तौर पर कहा गया है कि सिर्फ asymptomatic कस्टमर ही मॉल के अंदर प्रवेश कर सकेंगे. इसके अलावा, मास्क लगाकर आने वालों को ही मॉल में एंट्री दी जाएगी.
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने के लिए मॉल में पर्याप्त संख्या में कर्मचारी तैनात करना अनिवार्य किया गया है. मॉल के अंदर और बाहर जो शॉप होंगी, उनमें भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा. दुकान के भीतर यह सुनिश्चित करना होगा कि ज्यादा संख्या में लोग एक साथ ना रहें. दुकान में यदि बैठने की व्यवस्था है तो सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन करना होगा.
यही नहीं, एक्सीलेटर पर भी यह सुनिश्चित करना होगा कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ठीक तरीके से हो. मॉल के भीतर बड़े पैमाने पर लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी रहेगी और इस बात को मॉल मैनेजमेंट की तरफ से सुनिश्चित किया जाएगा. इसके अलावा सभी कर्मचारियों के मोबाइल में आरोग्य सेतु ऐप होना ही चाहिए.
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इसी तरह से स्वास्थ्य मंत्रालय ने होटलों और रेस्टोरेंट्स के लिए भी कोरोना संक्रमण के लिहाज से विस्तृत गाइडलाइन जारी की है, जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना प्रबंधन की जिम्मेदारी होगी.
इसके अलावा निषिद्ध क्षेत्रों में मौजूद धार्मिक स्थल जनता के लिए बंद रहेंगे, लेकिन निषिद्ध क्षेत्रों से बाहर स्थित धार्मिक स्थल खोले जा सकते हैं. मंत्रालय ने कहा कि धार्मिक स्थलों पर बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी होती है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि ऐसे परिसरों में भौतिक दूरी के नियम तथा अन्य एहतियाती उपायों का पालन किया जाए.
एसओपी में कहा गया है कि संक्रमण के संभावित प्रसार के मद्देनजर धार्मिक स्थलों में गायन समूहों को अनुमति न दी जाए, बल्कि इसकी जगह रिकॉर्डेड भजन बजाए जा सकते हैं. इस दौरान सामूहिक प्रार्थना से बचा जाना चाहिए और प्रसाद वितरण तथा पवित्र जल के छिड़काव जैसी चीजों को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.
एसओपी में कहा गया है कि धार्मिक स्थलों पर प्रतिमाओं और पवित्र पुस्तकों को छूने से भी बचना चाहिए तथा वहां प्रवेश के लिए लगी लाइन में कम से कम छह फुट की भौतिक दूरी रखी जानी चाहिए.
मंत्रालय ने होटलों और रेस्तराओं के लिए भी एसओपी जारी की और कहा कि लक्षमुक्त कर्मचारियों और लोगों को ही प्रवेश की अनुमति मिलनी चाहिए तथा उचित भीड़ प्रबंधन होना चाहिए.
मंत्रालय ने कहा कि गर्भवती महिलाओं, अधिक उम्र वाले या किसी स्वास्थ्य संबंधी समस्या से पीड़ित कर्मचारियों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए और उन्हें लोगों के सीधे संपर्क में आने जैसे कार्य से बचना चाहिए.
इसने कहा कि विभिन्न कामों के लिए अलग-अलग प्रवेश और निकास बिन्दु होने चाहिए तथा होटल और रेस्तरां मालिकों को डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देना चाहिए.
एसओपी में कहा गया कि होटल और आथित्य सेवाओं को आगंतुक की यात्रा और चिकित्सा स्थिति का उचित रिकॉर्ड सुनिश्चित करना चाहिए.
मंत्रालय ने कहा कि होटलों में सामान को कमरे में पहुंचाने से पहले संक्रमणमुक्त किया जाना चाहिए. आगंतुकों और कर्मचारियों के बीच रूम सर्विस के लिए फोन पर बात होनी चाहिए.