आम आदमी पार्टी (आप) का कहना है कि चंडीगढ़ पंजाब का है और यहां विधानसभा भवन के निर्माण के लिए हरियाणा को एक इंच भी जमीन नहीं दी जानी चाहिए. आप के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात कर यह आग्रह किया. पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) और राज्य के विपक्षी दलों ने हरियाणा को विधानसभा भवन के निर्माण के लिए चंडीगढ़ में 10 एकड़ भूमि के आवंटन को मंजूरी देने के केंद्र के कथित कदम की आलोचना की है.


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आप-भाजपा में तीखी तकरार


पंजाब और हरियाणा के सत्तारूढ़ दलों - आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच शुक्रवार को इस मुद्दे पर तीखी नोकझोंक हुई. पंजाब के मंत्री हरपाल सिंह चीमा के नेतृत्व में आप के प्रतिनिधिमंडल ने कटारिया से मुलाकात करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘चंडीगढ़ पंजाब का है और हम एक इंच भी जमीन नहीं देंगे... चंडीगढ़ पर पंजाब का अधिकार है और हम अपने अधिकार के लिए लड़ेंगे. हमने इस संबंध में राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा है. हमने कहा है कि चंडीगढ़ में हरियाणा को विधानसभा भवन के निर्माण के लिए कोई जमीन आवंटित नहीं की जानी चाहिए.’


राज्यपाल UT के भी प्रशासक


राज्यपाल कटारिया केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक भी हैं, जो पंजाब और हरियाणा दोनों की साझा राजधानी है. हरियाणा को 1966 में एक अलग राज्य के रूप में गठित किया गया था. चीमा ने कहा, ‘चंडीगढ़ पंजाब का हिस्सा है और यह पंजाब की राजधानी है. हरियाणा को चंडीगढ़ में विधानसभा भवन बनाने का कोई अधिकार नहीं है.’


मचा सियासी बवाल


हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने यहां एक अलग कार्यक्रम में आम आदमी पार्टी (आप) पर निशाना साधते हुए उससे इस मुद्दे पर 'घटिया राजनीति' नहीं करने के लिए कहा.


उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ हरियाणा और पंजाब दोनों का हिस्सा है और चंडीगढ़ पर हरियाणा का भी अधिकार है. सैनी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार से एसवाईएल का पानी हरियाणा को देने को भी कहा. चीमा ने यहां राज्यपाल से मुलाकात के बाद कहा कि पंजाब सरकार ने चंडीगढ़ में हरियाणा को भूमि आवंटन को मंजूरी देने के कदम पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है.


चीमा ने कहा कि जब हरियाणा को अलग राज्य बनाया गया था, तब यह स्पष्ट कर दिया गया था कि हरियाणा अपनी राजधानी और विधानसभा बनाएगा. आम आदमी पार्टी के नेता चीमा ने कहा, ‘‘ छह दशकों तक हरियाणा अपनी राजधानी बनाने या राज्य में विधानसभा बनाने में विफल रहा और अब वे पंजाब की राजधानी पर अपना दावा कर रहे हैं. उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए. हम उन्हें सलाह देते हैं कि वे अपनी राजधानी पंचकूला में क्यों नहीं बना सकते, जो चंडीगढ़ में विधानसभा भवन के लिए जिस जगह वे जमीन मांग रहे हैं, उससे बमुश्किल एक किलोमीटर दूर है. उन्हें अपनी विधानसभा पंचकूला में बनानी चाहिए. ’’


चीमा ने कहा कि यह मुद्दा पंजाब के तीन करोड़ लोगों की भावनाओं से जुड़ा है और वह यह है कि चंडीगढ़ पंजाब का है. सैनी ने कहा, ‘चंडीगढ़ हरियाणा और पंजाब का हिस्सा है. मैं पंजाब के नेताओं से कहना चाहता हूं कि हरियाणा पंजाब का छोटा भाई है. वे भाईचारा क्यों बिगाड़ रहे हैं?’


हरियाणा के मुख्यमंत्री ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए पहले तो उन्होंने हमारा सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) का पानी रोक दिया. पंजाब के लोग हमारे भाई हैं, वे भी चाहते हैं कि हरियाणा को पानी मिले. लेकिन आम आदमी पार्टी के नेता घटिया राजनीति करते हैं. पहले उन्होंने एसवाईएल का पानी रोका और अब विधानसभा का मुद्दा उठा रहे हैं. चंडीगढ़ पर हरियाणा का भी हक है.’


अप्रैल 2022 में, पंजाब में आप के सत्ता में आने के कुछ ही दिनों बाद, पंजाब विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ को तत्काल आप शासित पंजाब को हस्तांतरित करने की मांग की थी. इसके कुछ दिनों बाद, हरियाणा विधानसभा ने भी एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें पंजाब विधानसभा द्वारा केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ पर दावा पेश करने वाले प्रस्ताव पर चिंता व्यक्त की गई थी. (पीटीआई भाषा)