चंद्रमा के बाद अब इसरो की निगाहें सूर्य और शुक्र पर, तैयार है मिशन..जानिए कब होगी लॉन्चिंग
ISRO अगस्त के अंत या सितंबर की शुरुआत में सौर वातावरण का अध्ययन करने के लिए पीएसएलवी रॉकेट पर अपने उपग्रह आदित्य-एल1 को भेजेगा. आदित्य-एल1 उपग्रह का नाम सूर्य देव के नाम पर रखा गया है.
Chandrayaan-3 इसरो का चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक चांद की सतह पर लैंड कर चुका है. चांद पर चंद्रयान का सफल शॉट भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो के अधिकारियों के लिए एक बूस्टर शॉट की तरह है. वे अब सूर्य का रहस्य जानने और शुक्र पर पहुंचने के मिशन के लिए तैयार हो रहे हैं. असल में आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान सूर्य का अध्ययन करने वाला भारत का पहला अंतरिक्ष मिशन है. श्रीहरिकोटा में भारत के रॉकेट पोर्ट पर है और प्रक्षेपण के लिए तैयार हो रहा है.
जानकारी के मुताबिक इसरो अगस्त के अंत या सितंबर की शुरुआत में सौर वातावरण का अध्ययन करने के लिए पीएसएलवी रॉकेट पर अपने कोरोनोग्राफी उपग्रह आदित्य-एल1 को भेजेगा. इसरो के अनुसार अंतरिक्ष यान को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के पहले लैग्रेंज बिंदु, एल1 के आसपास एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाएगा. एल1 बिंदु के आसपास उपग्रह को बिना किसी ग्रहण/ग्रहण के लगातार सूर्य को देखने का प्रमुख लाभ है.
आदित्य-एल1 उपग्रह का नाम सूर्य देव के नाम पर रखा गया है, इसे भारतीय रॉकेट ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) द्वारा ले जाया जाएगा. इसरो ने 2024 में शुक्र के लिए एक उड़ान - वीनस मिशन भी निर्धारित की है. क्या यह 'शुक्र के लिए रात्रि उड़ान' होगी, यह बाद में पता चलेगा.
बता दें कि बुधवार को चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम ने चांद की सतह पर एकदम सटीक समय पर सॉफ्ट लैंडिंग की है. इसको लेकर देश खुशियों से झूम रहा है. बधाइयों का तांता लग गया. इस बीच ब्रिक्स सम्मेलन के लिए दक्षिण अफ्रीका पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ISRO के वैज्ञानिकों और देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि अब सूर्य और शुक्र से जुड़े मिशन की बारी है. (इनपुट-एजेंसी)