Wagh Nakh: आप सबने खूब सारी खबरें पढ़ी, सुनी होगी कि शिवाजी महाराज का खास हथियार बाघ नख लंदन के विक्टोरिया एंड अल्बर्ट म्यूजियम में रखा है. जिसे भारत सरकार वापस पाना चाहती है, लेकिन लंदन में रखे बाघ नख की सच्चाई अब सामने आ गई है, सबसे पहले लंदन वाले बाघ नख के बारे में जानते हैं, उसके बाद 365 साल पहले की वह घटना याद करते हैं, जब शिवाजी ने धोखेबाज अफजल खां का पेट ‌फाड़ दिया था.


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पिछले साल लंदन वाले बाघ नख की वापसी की आई खबर
पिछले साल यह खबर आई कि छत्रपति शिवराजी महाराज का बघनखा ब्रिटेन के विक्टोरिया और अल्बर्ट म्यूजियम से भारत आ रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक बाघ नख सिर्फ तीन साल के लिए ही भारत लाया जाएगा. बताया गया कि लंदन वाले इसी बाघ नख से शिवाजी महाराज ने अफजल खान की हत्या की थी. 


जिसपर मचा था महाराष्ट्र में बवाल
महाराष्ट्र सरकार की इस पहल पर शिवसेना यूबीटी गुट के कई नेताओं ने अलग-अलग सवाल खड़े किए थे. संजय राउत ने कहा था कि यह शिवाजी महाराज के बघनखा का अपमान है, इस हथियार को सिर्फ 3 साल के लिए भारत में लाया जा रहा है. वहीं आदित्य ठाकरे ने कहा कि आखिर यह बघनखा को भारत लाया जा रहा है या उधार लिया गया है. इन सवालों पर डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अपमानजनक सवाल पूछना शिवसेना का इतिहास रहा है.


2024 में बाघ नख का फिर उठा मामला, सरकार ने बता दी सारी सच्चाई
इसके बाद 2024 में इतिहासकार इंद्रजीत सावंत ने लंदन वाले ‘बाघ नख’ को नकली बताया, जिसके जवाब में महाराष्ट्र के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि किसी ने यह दावा नहीं किया है कि लंदन से राज्य में लाया जा रहा 'वाघ नख' या बाघ के पंजे के आकार का हथियार छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा इस्तेमाल किया गया था. उन्होंने इस दावे को भी खारिज कर दिया कि सरकार ने लंदन के विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय से इस हथियार को महाराष्ट्र लाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए और कहा कि यात्रा व्यय और समझौते पर हस्ताक्षर करने में 14.08 लाख रुपये खर्च हुए थे.


बाघ नख की क्यों हो रही चर्चा
लंदन के संग्रहालय में रखे बाघ नख को भारत इस बार लाया जा रहा है, जिसे महाराष्ट्र में प्रदर्शनी के लिए रखा जाएगा. मुनगंटीवार ने सदन को बताया कि बाघ नख को तीन सालों के लिए लंदन से लाया जाएगा और 19 जुलाई से राज्य के सतारा स्थित एक संग्रहालय में प्रदर्शन के लिए रखा जाएगा. ‌इस बाघ नख से शिवाजी के बाघ से कोई रिश्ता नहीं है. बाघ नख छत्रपति शिवाजी का एक विशेष हथियार था, इसलिए लंदन में रखे बाघ नख को लोगों को दिखाने के लिए भारत लाया जा रहा है.


अब बात 1659 की जब शिवाजी ने एक झटके में बाघ नख से चीर दिया था धोखेबाज अफजल खान का पेट:- 
1659 में शिवाजी महाराज ने बीजापुर सल्तनत के सेनापति अफजल खान को बाघनख से एक ही झटके में चीर दिया था. यह वो दौर था जब बीजापुर सल्तनत का प्रमुख आदिल शाह और शिवाजी के बीच युद्ध चल रहा था. अफजल खान ने छल से शिवाजी को मारने की योजना बनाई. उसने शिवाजी को मिलने के लिए बुलाया, जिसे उन्हें स्वीकार कर लिया. जब शामियाने में मुलाकात के दौरान उसने शिवाजी की पीठ में खंजर भोंकने की कोशिश की. शिवाजी पहले से ही सतर्क थे और हाथ में अपना बाघ नख भी पहने थे. अफजल अपने नापाक मंसूबे में सफल होता उससे पहले ही शिवाजी ने एक ही बार में अफजल का पेट चीर दिया था.

क्या होता है ‘बाघ नख'?
बाघ नख एक तरह का हथियार है. यह पूरी मुट्ठी में फिट हो जाता है. स्टील से तैयार किए जाने वाले इस हथियार में चार नुकीली छड़ें होती हैं. किसी बाघ के पंजे जैसी घातक. इसके दोनों तरफ दो रिंग होती हैं, जिससे हाथ की पहली और चौथी उंगली में पहनकर इसे ठीक तरह से मुट्ठी में फिट किया जा सके. यह इतना घातक होता है कि एक ही वार में किसी को भी मौत के घाट उतार सकता है.