नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) की उत्पत्ति से लेकर दुनिया भर में फैले कोरोना संक्रमण को लेकर चीन (China) की भूमिका अभी तक संदिग्ध रही है. वुहान एनिमल मार्केट से लेकर वुहान लैब तक कई सवालों के जवाब मिलना अभी बाकी है. इसी दौरान अमेरिका (US) और WHO को कई बार आंखे दिखा चुका चीन एक बार फिर सीनाजोरी कर रहा है. अपने ताजा तुगलकी फरमान में शी जिनपिंग प्रशासन ने कहा है कि उनका देश सिर्फ उन्हीं भारतीय नागरिकों को वीजा देगा जिन्होंने मेड इन चाइना कोरोना वैक्सीन (Made In China Corona Vaccine) लगवाई होगी.


दूतावास के नोटिस से खुलासा


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गौरतलब है कि भारत स्थित चीनी दूतावास की वेबसाइट पर इससे जुड़ा नोटिफिकेशन प्रकाशित हुआ है. बीजिंग के इस फैसले के मुताबिक चीन के वीजा के लिए लोगों को वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट भी सबमिट करना होगा. चूंकि भारत में अभी तक किसी भी चाइनीज वैक्सीन (Chinese Vaccine) को मंजूरी नहीं मिली है और इसकी वजह से कई लोगों ने चीनी दूतावास के फैसले पर नाराजगी जताई है. 


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चीन पहुंचने के बाद होना होगा क्वॉरन्टीन


चीन में बिजनेस स्थापित कर चुके लोग हों या वहां नौकरी और पढ़ाई की हसरत रखने वाले छात्र हों सभी को मेड इन चाइन वैक्सीनेशन के अलावा अपनी इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ डिक्लैरेशन फॉर्म भी भरना होगा. एक प्रस्तावित लिंक के जरिए चीन जाने वाले लोग फॉर्म को भर सकते हैं. विदेशी नागरिकों को न्यूक्लिक एसिड टेस्ट का निगेटिव सर्टिफिकेट और IGM टेस्ट रिपोर्ट भी जमा करनी होगी. आदेश में ये भी कहा गया है कि विदेशी नागरिकों को चीन पहुंचने के बाद क्वॉरन्टीन भी होना पड़ेगा.


इन देशों के नागरिकों पर नहीं लागू होगा नियम


गौरतलब है कि पाकिस्तान, ब्राजील, तुर्की, चिली, साउथ एशिया और अरब जगत के कुछ देशों ने चीन की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दी है. इन देशों में तेजी से लोगों को मेड इन चाइना कोरोना टीका लग रहा है. सिंगापुर, मलेशिया और फिलीपींस ने चीन की कंपनी सिनोवैक के साथ डील भी की है. आपको बता दें कि यहां 15 मार्च से अपनी वीजा प्रक्रिया शुरू हो गई है. 


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