Congress files a Petition in SC: ED निदेशक संजय मिश्रा का कार्यकाल बढ़ाए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर हुई है. मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस कमेटी (MP women Congress Committee) की जनरल सेकेट्री जया ठाकुर की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि यह सितंबर 2021 में सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का उल्लंघन है जिसमें कोर्ट ने संजय मिश्रा को और सेवा विस्तार न देने के लिए कहा था.


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केंद्र सरकार पर जांच एजेसियों के दुरुपयोग का आरोप


याचिका में आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार अपनी जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष और पार्टी पदाधिकारियों के खिलाफ कर रही है. राजनैतिक द्वेष की भावना से विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए जांच के नाम पर कांग्रेस नेताओं को परेशान किया जा रहा है. ये लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है. लोकतंत्र में विपक्ष की आवाज ही जनता की आवाज होती है. सुप्रीम कोर्ट ने जनप्रतिनिधियों के खिलाफ मुकदमे के जल्द निपटारे के लिए स्पेशल कोर्ट के गठन का आदेश दिया, लेकिन यहां पिछले 10 साल से बिना किसी जवाबदेही के जांच चल रही है.


याचिका में कही गई ये बात


याचिका के मुताबिक बिना कोई FIR के ED कांग्रेस के नेताओं से पूछताछ करती है. पूछताछ के दौरान उनके वकील भी मौजूद नहीं रहते हैं. जाहिर है, इस जांच का मकसद राजनैतिक विरोधियों की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना है. 


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18 नवंबर 2022 तक बढ़ाया गया था कार्यकाल


केंद्र सरकार ने नवंबर 2021 में एक अध्यादेश के जरिए ED/CBI निदेशक का कार्यकाल 5 साल तक रहने की व्यवस्था बनाई है. इसी के तहत ED निदेशक संजय मिश्रा का कार्यकाल 18 नवंबर 2022 तक बढ़ा दिया गया था. हालांकि ये दूसरी बार था, जब संजय मिश्रा का कार्यकाल बढ़ाया गया था. असल में संजय मिश्रा मई 2020 में रिटायर होने वाले थे. लेकिन ED निदेशक पर दो साल तक नियुक्ति के चलते उन्हें 19 नवंबर 2020 तक पद पर रहना था लेकिन अक्टूबर 2020 में सरकार ने उनका कार्यकाल 3 साल बढ़ाने के लिए आदेश जारी कर दिया. इसको सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई. सितंबर 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें पद से हटाने से तो इनकार कर दिया, लेकिन ये साफ किया कि संजय मिश्रा का कार्यकाल आगे न बढ़ाया जाए. इसके बाद सरकार नवंबर 2021 में एक अध्यादेश लाई जिसके जरिए  CBI और ED निदेशक पर दो साल की नियुक्ति के बाद आगे और 3 साल तक उनकी सेवा विस्तार का अधिकार मिल गया. यानी इसके मुताबिक कुल 5 साल तक सीबीआई और ईडी के निदेशक अपने पद पर रह सकते हैं.


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