जब तस्करी के लिए सोने से बनाई 33 लाख की इमरजेंसी लाइट और फिर...
सुरक्षा एजेंसियों को चमका देने के लिए तस्कर पहले रियाद से कोलंबो पहुंचा,फिर कोलंबो से चेन्नई होते हुए दिल्ली पहुंचा.
नई दिल्ली: सोना तस्करी के लिए तस्कर हर दिन नए-नए तरीके इजाद कर रहे हैं. इस बार तस्करी का मंसूबा पूरा करने के लिए तस्करों ने इमरजेंसी लाइट के भीतर लगने वाले उपकरणों को सोने से बना डाला. चौकाने वाली बात तो यह थी कि सोने से बने उपकरण ठीक उसी तरह काम कर रहे थे, जिस तरह एक साधारण इमरजेंसी लाइट काम करती है.
जी हां, यह मामला दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का है. जहां कस्टम ने तस्करों के मंसूबों को नाकाम कर सोने का इस्तेमाल कर बनाई गई इमरजेंसी लाइट को अपने कब्जे में ले लिया है. जांच में पता चला कि इमरजेंसी लाइट के भीतर लगने वाली मेटेलिक प्लेट को करीब 1050 ग्राम सोने से बनाया गया था.
कस्टम एयर इंटेलीजेंस की टीम ने आरोपी तस्कर को गिरफ्तार कर तस्करी के जरिए लाया गया सोना अपने कब्जे में ले लिया है. कस्टम के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह आरोपी तस्कर सुरक्षा एजेंसियों से बचने के लिए कई तरह की जुगत लगाई थी. पहली जुगत के तहत उसने सोने को इमरजेंसी लाइट के भीतर छिपाया था.
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वहीं, उसकी दूसरी जुगत दिल्ली एयरपोर्ट से सुरक्षित बाहर निकलने की थी. सुरक्षा एजेंसियों से बचने के लिए वह सबसे पहले रियाद से कोलंबो के लिए फ्लाइट नंबर यूए-266 से रवाना हुआ. कोलंबो पहुंचने के बाद वह फ्लाइट संख्या यूएल-121 से चेन्नई आया. इसके बाद, वह चेन्नई से स्पाइस जेट की फ्लाइट से दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल 1 पहुंचा.
गनीमत रही, कि इस तस्कर के मंसूबों के बारे में कस्टम एयर इंटेलीजेंस टीम को पहले ही भनक लग चुकी थी. जिसके चलते, कस्टम के अधिकारियों ने पहले ही टर्मिनल वन के एराइवल हॉल को अपनी जद में ले लिया था. आईजीआई एयरपोर्ट के टर्मिनल वन पहुंचने ही कस्टम ने इस कब्जे में लेकर सोने की तस्करी को नाकाम कर दिया.