VK Saxena Medha Patkar Case: सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर और दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना मानहानि के एक मामले में आमने-सामने हैं. ये केस अदालत में चल रहा है. मामला मजिस्ट्रेट गौरव दहिया के समक्ष है. अब इस बीच, एलजी वीके सक्सेना ने कोर्ट में पेशी से छूट मांगी है. एलजी वीके सक्सेना के वकील गजिंदर कुमार और चंद्रशेखर ने ये अपील की. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इससे पहले वीके सक्सेना ने कहा था कि जब तक वे दिल्ली के उप-राज्यपाल हैं, तब तक इस मामले के ट्रायल को स्थगित रखा जाए. उपराज्यपाल की ओर से यह अनुरोध भी किया गया था कि अनुच्छेद 361 के तहत दायर एक अन्य आवेदन को लंबित रखा जाए. मजिस्ट्रेट गौरव दहिया ने शिकायतकर्ता के वकील के अनुरोध पर मेधा पाटकर की ओर से उपस्थित वकील श्रीदेवी को जवाब दाखिल करने और दलील रखने के लिए मामले को 02.06.2023 के लिए सूचीबद्ध किया. वीके सक्सेना द्वारा मेधा पाटकर के खिलाफ मानहानि के लिए दायर अन्य दो आपराधिक शिकायतों की भी सुनवाई इसी दिन होगी.


मेधा पाटकर ने किया था विरोध


इससे पहले मेधा पाटकर ने वीके सक्सेना की उस याचिका का विरोध किया था जहां कहा गया कि उनके खिलाफ चल रही मामले की सुनवाई को स्थगित कर दिया जाए. गुजरात 2002 दंगों के बाद कुछ लोगों ने मेधा पाटकर पर हमला कर दिया था. तब आरोप वीके सक्सेना पर भी लगे थे. उसी मामले में गुजरात की एडिशन मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में सुनवाई हुई जहां पर वीके सक्सेना ने अपनी मांग रखी.


जानकारी के लिए बता दें कि नर्मदा बचाव आंदोलन की मेधा पाटकर पर 21 साल पहले यानी कि 2002 में अहमदाबाद के गांधी आश्रम में हमला किया गया था. इस हमले में चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. जिस में गुजरात दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना शामिल थे. गुजरात दंगो के तुंरत बाद के 7 मार्च 2002 को अहमदाबाद के गांधी आश्रम में मेधा पाटकर के जरिए शांति बैठक बुलाई गई थी. इस दौरान कुछ लोगों ने मेधा पाटकर का विरोध करते हुए उन पर हमला किया था. उसी मामले में एलजी वीके सक्सेना केस को स्थगित करना चाहते हैं.


जरूर पढ़ें


बजरंग दल पर बैकफुट पर आने के बाद जागी कांग्रेस, भगवान हनुमान को लेकर कर दिया ये बड़ा ऐलान
मई में आखिरी बार कब पड़ी थी इतनी ठंड? AC चलाने वाले मौसम में गीजर ON कर रहे लोग