Karnataka Election: बजरंग दल पर बैकफुट पर आने के बाद जागी कांग्रेस, भगवान हनुमान को लेकर कर दिया ये बड़ा ऐलान
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Karnataka Election: बजरंग दल पर बैकफुट पर आने के बाद जागी कांग्रेस, भगवान हनुमान को लेकर कर दिया ये बड़ा ऐलान

PM Modi ने बजरंग दल पर प्रतिबंध के वादे की तुलना हनुमान और उनके भक्तों को ताले में बंद करने से की, वहीं पूर्व उपमुख्यमंत्री के एस ईश्वरप्पा ने कांग्रेस का घोषणापत्र जलाया. बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस के घोषणापत्र को फाड़ दिया, उस पर चप्पल बरसायी और राज्य के कई हिस्सों में रैलियां कीं.

Karnataka Election: बजरंग दल पर बैकफुट पर आने के बाद जागी कांग्रेस, भगवान हनुमान को लेकर कर दिया ये बड़ा ऐलान

Karnataka Election 2023: चुनावी राज्य कर्नाटक में भगवान हनुमान चुनावी मुद्दों के केंद्र में आ गए हैं. अपने घोषणापत्र में बजरंग दल जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने का वादा कर घिरने के बाद कांग्रेस ने बचाव की मुद्रा में आते हुए पूरे राज्य में हनुमान मंदिरों के निर्माण और जीर्णोद्धार का वादा किया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजरंग दल पर प्रतिबंध के वादे की तुलना हनुमान और उनके भक्तों को ताले में बंद करने से की, वहीं पूर्व उपमुख्यमंत्री के एस ईश्वरप्पा ने कांग्रेस का घोषणापत्र जलाया. बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस के घोषणापत्र को फाड़ दिया, उस पर चप्पल बरसायी और राज्य के कई हिस्सों में रैलियां कीं.

बचाव की मुद्रा में आई कांग्रेस

दक्षिणपंथी संगठनों ने राज्य भर में हनुमान चालीसा का पाठ करने का फैसला किया है. मुद्दे पर अब कांग्रेस बचाव की मुद्रा में आ गई है. कांग्रेस जिन मुद्दों के इर्द-गिर्द 10 मई को होने वाला विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती थी, ऐसा प्रतीत होता है कि वह ठंडे बस्ते में चला गया है क्योंकि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डी के शिवकुमार मंदिर में दर्शन करने पहुंच गए.

मैसूर में चामुंडी पहाड़ी पर, मैसूर की देवी चामुंडेश्वरी, साथ ही आंजनेय की पूजा करने के बाद शिवकुमार ने और हनुमान मंदिरों का निर्माण करने या पूरे राज्य में मौजूदा मंदिरों का जीर्णोद्धार करने का वादा किया. रामनगर में कनकपुरा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे शिवकुमार ने कहा, राम दूत आंजनेय (हनुमान) के मंदिर हर जगह हैं. हमने आंजनेय मंदिरों का निर्माण कराया है और हम भी उनके भक्त हैं. विशेष रूप से हम कन्नड़वासियों में उनके प्रति गहरी आस्था है जहां इस बात के पक्के प्रमाण हैं कि आंजनेय का जन्म (इसी) राज्य में हुआ था.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस आंजनेय मंदिरों और भगवान हनुमान के आदर्शों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है. प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने कहा, हम कार्यक्रम ला रहे हैं. कांग्रेस सभी महत्वपूर्ण आंजनेय मंदिरों, विशेष रूप से आंजनेय से जुड़े ऐतिहासिक स्थानों के विकास के लिए विशेष नीतियां बनाएगी. 

शिवकुमार ने कहा, हम राज्य के सभी तालुकों में आंजनेय के नाम पर नीतियां और कार्यक्रम बनाएंगे, जिससे युवाओं को हनुमान के आदर्शों को अपनाने की प्रेरणा मिलेगी.  देवी चामुंडेश्वरी की शपथ लेते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस अंजनाद्री विकास बोर्ड की स्थापना करेगी. भगवान के नाम पर राजनीति करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने सवाल किया कि भाजपा ने कितने आंजनेय मंदिरों का निर्माण कराया है.

शिवकुमार ने आरोप लगाया, प्रधानमंत्री मोदी सहित भाजपा के मेरे मित्र राजनीतिक लाभ के लिए भगवान के नाम का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं. वे भावनाओं के साथ खेल रहे हैं. कांग्रेस नेता के अनुसार बेंगलुरु और मैसूर के बीच कम से कम 25 आंजनेय मंदिर हैं, जिनका निर्माण राज्य के पहले मुख्यमंत्री केंगल हनुमंतैया ने कराया था, जो कांग्रेस नेता थे.

शिवकुमार ने कहा, क्या भाजपा ने एक भी मंदिर बनाया? वे इसे भुनाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसपर कोई ध्यान नहीं देगा. वे लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, जो नहीं होगा. कांग्रेस सत्ता में आएगी. हम राम और आंजनेय से जुड़े सभी मंदिरों का निर्माण करेंगे.

विजयनगर जिले के होसपेटे में प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा को लेकर निशाना साधा. पीएम मोदी ने कहा, कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में बजरंगबली को ताले में बंद करने का निर्णय लिया है. पहले उन्होंने प्रभु श्रीराम को ताले में बंद किया और अब जय बजरंगबली बोलने वालों को ताले में बंद करने का संकल्प लिया है.

प्रधानमंत्री ने बुधवार को तीनों जनसभाओं में जय बजरंगबली का उद्घोष भी किया. भाजपा के वरिष्ठ नेता के एस ईश्वरप्पा ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र की एक प्रति जलाई और कर्नाटक में सत्ता में आने पर बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का वादा करने को लेकर विपक्षी दल पर निशाना साधा.

बजरंग दल को एक ‘देशभक्त संगठन’ बताते हुए, पूर्व उपमुख्यमंत्री ने सवाल किया, बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात करने की उनकी (कांग्रेस की) हिम्मत कैसे हुई. कांग्रेस ने 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में कहा है कि वह जाति और धर्म के आधार पर समुदायों के बीच नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ दृढ़ और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है.

कांग्रेस ने घोषणापत्र में कहा, हमारा मानना है कि कानून और संविधान पवित्र है. कोई व्यक्ति या बजरंग दल, पीएफआई और नफरत एवं शत्रुता फैलाने वाले दूसरे संगठन, चाहे वह बहुसंख्यकों के बीच के हों या अल्पसंख्यकों के बीच के हों, वे कानून और संविधान का उल्लंघन नहीं कर सकते. हम ऐसे संगठनों पर कानून के तहत प्रतिबंध लगाने समेत निर्णायक कार्रवाई करेंगे. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए ईश्वरप्पा ने इसे ‘‘(पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की) मुस्लिम लीग का घोषणापत्र’’ करार दिया.

पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ईश्वरप्पा ने कांग्रेस नेता शिवकुमार और सिद्धरमैया पर समुदायों के बीच नफरत फैलाने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए कहा, हमें पहले इन दोनों नेताओं को गिरफ्तार करना चाहिए. उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने घोषणा पत्र जलाने की घटना की निंदा की. खरगे ने कलबुर्गी में  कहा, घोषणापत्र को जलाना ठीक नहीं है. यह लोगों को दी गई गारंटी को जलाने जैसा है. हमारे घोषणापत्र में उन्होंने आग लगा दी. यह लोगों और लोकतंत्र का अपमान करने जैसा है.

कांग्रेस के शीर्ष सूत्रों के अनुसार, शिवकुमार को घोषणापत्र में बजरंग दल पर प्रस्तावित प्रतिबंध के बारे में जानकारी नहीं थी. कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने बताया, घोषणापत्र जारी किए जाने से पहले इसे पढ़ने वाले नेताओं ने बजरंग दल पर प्रतिबंध का जिक्र नहीं करने को कहा. लेकिन उन्होंने नहीं सुना. इसका निश्चित रूप से असर होगा. अब हम सभी इसका खामियाजा भुगत रहे हैं.

बचाव की मुद्रा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वीरप्पा मोइली ने बुधवार को कहा था कि कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का पार्टी के समक्ष कोई सुझाव नहीं है. उडुपी में उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि कि पार्टी ने नफरत फैलाने वाले भाषण को लेकर उच्चतम न्यायालय की टिप्पणियों की पृष्ठभूमि में अपने चुनावी घोषणापत्र में ऐसे संगठनों पर कार्रवाई का वादा किया है.

मोइली ने कहा कि राज्य सरकारों को ऐसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा, अब सरदार वल्लभभाई पटेल की पूजा करने वाली भाजपा भूल जाती है कि पटेल ने एक समय आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन बाद में जवाहरलाल नेहरू ने इस निर्णय को रद्द कर दिया था.

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