दिल्ली: CPCB की सिफारिश- कंस्ट्रक्शन कार्य और भारी वाहनों को दिन में एंट्री की दी जाए अनुमति
टास्क फोर्स ने रात के वक्त प्रदूषकों के हवा के साथ फैलने में दिक्कत होने, तापमान कम होने और आर्द्रता का स्तर ज्यादा होने के कारण यह सिफारिश की है.
नई दिल्ली: केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नेतृत्व वाले कार्य बल ने अपनी सिफारिश में कहा है कि दिल्ली में सिर्फ दिन के वक्त भारी वाहनों के प्रवेश और विनिर्माण कार्य करने की अनुमति दी जाए.
सीपीसीबी, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्यों वाले इस टास्क फोर्स ने रात के वक्त प्रदूषकों के हवा के साथ फैलने में दिक्कत होने, तापमान कम होने और आर्द्रता का स्तर ज्यादा होने के कारण यह सिफारिश की है.
टास्क फोर्स ने अपनी सिफारिश में क्या कहा?
कार्य बल ने अपनी सिफारिश में कहा है कि दिल्ली में सुबह छह बजे से शाम छह बजे के बीच ही भारी वाहनों को आने-जाने और विनिर्माण कार्य करने की छूट होगी. सीपीसीबी-नीत कार्य बल ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों को निर्देश दिया है कि वह नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी नजर रखें.
विनिर्माण कार्यों और कोयला तथा जैविक ईंधन का प्रयोग करने वाले उद्योगों के कामकाज पर एक नवंबर से लेकर 12 नवंबर तक के लिए प्रतिबंध लगा था. वहीं भारी वाहनों के दिल्ली में प्रवेश पर आठ से 12 नवंबर तक प्रतिबंध था.
दिल्ली की वायु गुणवत्ता फिर से गंभीर श्रेणी में पहुंचने के कगार पर
दिल्ली में हवा की गुणवत्ता फिर से गंभीर श्रेणी के कगार पर पहुंच गई है. हवा की कम रफ्तार आदि प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों से प्रदूषण स्तर बढ़ने के कारण ऐसा हुआ है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के डेटा के मुताबिक, समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक 399 दर्ज किया गया जो ‘बहुत खराब’ की श्रेणी में आता है.
सोमवार को दिल्ली की हवा में अतिसूक्ष्म कणों - पीएम 2.5 का स्तर 265 दर्ज किया गया जबकि पीएम 10 का स्तर 461 दर्ज किया गया. सीपीसीबी के मुताबिक, दिल्ली के 18 इलाकों में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ दर्ज की गई जबकि 18 स्थानों पर यह ‘बेहद खराब’ श्रेणी में रही.
गाजियाबाद, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा और नोएडा में हवा की गुणवत्ता गंभीर रही जबकि गुड़गांव में स्थिति में थोड़ा सुधार देखने को मिला है. वहां पर पर गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में दर्ज की गयी.
वायु गुणवत्ता सूचकांक में शून्य से 50 अंक तक हवा की गुणवत्ता को ‘अच्छा’, 51 से 100 तक ‘संतोषजनक’, 101 से 200 तक ‘सामान्य’, 201 से 300 के स्तर को ‘खराब’, 301 से 400 के स्तर को ‘‘बहुत खराब’’ और 401 से 500 के स्तर को ‘‘गंभीर’’ श्रेणी में रखा जाता है.
दिवाली के बाद गुरुवार को वायु की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में चली गई थी. शनिवार को थोड़े सुधार के पहले यह गंभीर श्रेणी में बनी हुई थी. उसके बाद से हवा की गुणवत्ता बहुत खराब से गंभीर श्रेणी के बीच बनी हुई है.
(इनपुट - भाषा)