दिल्ली सरकार `इंग्लिश स्पीकिंग और पर्सनालिटी डेवलपमेंट` के लिए शुरू करेगी ऑनलाइन क्लासेस
भविष्य में राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हमारे बच्चों में भाषा पर नियंत्रण होना चाहिए.
नई दिल्ली: लॉकडाउन के दौरान दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने शिक्षा विभाग के सलाहकारों, अधिकारियों, शिक्षकों, अभिभावकों और बच्चों के साथ 'पैरेंटिग इन द टाइम ऑफ कोरोना' के 5वें सत्र की बैठक की अध्यक्षता की. मनीष सिसोदिया ने बताया कि हमारी यह बैठक दिल्ली सरकार की टीम और उसके विभिन्न जिम्मेदार पदों की समीक्षा के लिए थी. हमने अभी ऑनलाइन क्लासेस की शुरूआत की है, जो नियमित क्लास से आधुनिकता की ओर शिक्षकों और बच्चों के लिए एक बड़ी उपलब्धि रही है. कुछ बच्चों के पास बेहतरीन संसाधन और इंटरनेट हैं, कुछ के पास नहीं हैं. तो अभी मैं ये जानना चाहता था कि ये प्लान किस हद तक कामयाब रहा है और यह भी प्रयास है कि कैसे अधिक से अधिक बच्चों को इस क्लास से जोड़ा जा सकता है.
दिल्ली के सरकारी स्कूलों की 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के पूरा होने और रिजल्ट के इंतजार में लगे बच्चों के लिए विशेष प्रयासों की शुरूआत की गई है. जिसमें प्रतिदिन 'इंग्लिश और पर्सनालिटी डेवलपमेंट क्लास' चलाने की तैयारी है, जिससे बच्चों की सॉफ्ट स्किल बढ़ेगी. बच्चों के लिए इस सत्र की शुरूआत सोमवार से हो जाएगी. यह क्लास ब्रिटिश कॉउंसिल और मैकमिलन एजूकेशन के सहयोग से संचालित हो रही है. शिक्षा विभाग के निदेशक विनय भूषण ने बताया कि स्पोकन इंग्लिश और पर्सनालिटी डेवलपमेंट क्लास 10वीं और 12वीं के बच्चों को वह अवसर देगा, जिसमें वे वर्तमान समय का उपयोग आवश्यक स्किल सीखने में कर सकेंगे. यह क्लास मई और जून में संचालित होंगी और बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाएगा.
उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा कि दिल्ली के 10वीं के करीब 1,60,000 और 12वीं के 1,12,000 बच्चे बोर्ड परीक्षा के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं. दिल्ली सरकार का शिक्षा विभाग पर्सनालिटी डेवलपमेंट और स्पोकन इंग्लिश की ऑनलाइन क्लासेस चलाएगा ताकि बच्चे अपने खाली समय का सदुपयोग कर सकें. हमने 9वीं क्लास के बच्चों के लिए ऑनलाइन मैथ्स की क्लास शुरू की है, जो बच्चों में भय को कम करेगा. लेकिन इंग्लिश बोलने की कला पर काम करने की भी जरूरत है. एक भी बच्चा ऐसा नहीं होना चाहिए जिसमें यह हीनभावना हो कि वह अच्छी तरीके से संवाद नहीं कर सकता है. हिंदी हमारी भाषा है, शिक्षा का माध्यम भी हिंदी है लेकिन यह समझने की जरूरत है कि हम अंग्रेजी के महत्व को कम नहीं आंक सकते हैं. भविष्य में राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हमारे बच्चों में भाषा पर नियंत्रण होना चाहिए और यही कारण है कि आने वाले सोमवार से इस तरह की गतिविधियां शुरू की जा रही हैं.
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कोर्स की प्रकृति और स्थिति को बताते हुए ब्रिटिश काउंसिल और मैकमिलन एजुकेशन के प्रतिनिधि ने कहा कि इस पूरे कोर्स को दो भागों में बांटा गया है. पहला वह है जो बच्चों को रोजाना की प्रयोग में आने वाली इंग्लिश के बारे में जानकारी देगा. जबकि दूसरे भाग में बच्चों के पर्सनालिटी डेवलपमेंट पर काम किया जाएगा. जिसमें बच्चों को यह सिखाया जाएगा कि वह तनाव को किस तरह से लें और इंटरव्यू जैसे सामान्य परिस्थितियों में किस तरह का व्यवहार करें. रोजाना 10वीं और 12वीं क्लास के बच्चों को एक लिंक SMS द्वारा भेजा जाएगा. इस लिंक में के जरिए वे एक विशेष पेज पर पहुंचेंगे, जहां पर उस दिन की गतिविधियों को संचालित किया जाएगा. इस कोर्स के जरिए बच्चे अपना आकलन भी समय-समय पर कर सकेंगे.
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले लगभग 2,70,000 बच्चे रोजाना लिंक प्राप्त करेंगे और कोर्स से जुड़ सकेंगे. इस कोर्स की शुरुआत के साथ ही हम दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले हर बच्चे के साथ अलग-अलग पाठ्यक्रम के जरिए जुड़ जाएंगे.
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सिसोदिया ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि इस तरह के ऑनलाइन कोर्स को नियमित पाठ्यक्रम के समानांतर न लिया जाए. हमारे अध्यापकों को यह सोचने की जरूरत बिल्कुल नहीं है कि जब वे स्कूल में जाएंगे तो उन्हें बिल्कुल शुरुआत से पढ़ाना होगा. यह उनके अध्यापन में सहयोग के लिए ही है.
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