नई दिल्ली (प्रमोद शर्मा): पूर्वी दिल्ली के जीटीबी एन्क्लेव में हुए सनसनीखेज किडनैपिंग केस की जांच करते हुए क्राइम ब्रांच को कॉल डिटेल की मदद से पता चला कि किडनैपिंग केस के मास्टरमाइंड नितिन शर्मा ने अपने दोस्त राहुल तिवारी की हत्या 2014 में की थी क्योंकि नितिन को पता चला कि उसकी बहन का अफ़ेयर राहुल के साथ चल रहा है. जिसको लेकर नितिन के परिवार वाले खुश नहीं थे. लिहाजा नितिन ने अपने साथी रवि के साथ मिलकर पुलिस वाले के बेटे और अपने दोस्त राहुल की हत्या करने का प्लान बनाया और पार्टी करने के बहाने अपनी गाड़ी में बैठाया और गुड़गाव के सुनसान इलाके में ले गए और गोली मार कर हत्या कर दी.


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हत्या करने के बाद दोनों ने लाश को भी जलाने की कोशिश की हत्या करने के बाद दोनों लाश को छोड़कर फरार हो गए. गुड़गाव के सेक्टर 56 पुलिस स्टेशन ने हत्या का मामला दर्ज कर लाश की शिनाख्त करने की बहुत कोशिश की लेकिन शिनाख्त ना होने की वजह से लाश का पंचनामा कर केस को अनट्रेस बनाकर केस बंद कर दिया. लेकिन बच्चे की किडनैपिंग के बाद साहिबाबाद की शालीमार सिटी सोसाइटी में हुए एनकाउंटर के बाद पुलिस को 24 मोबाइल फोन और राहुल का पैन कार्ड मिला मिला था.  पुलिस उन सभी मोबाइल की टेक्निकल सर्विलांस कर रहे थे उसी दौरान पता चला कि दो मोबाइल राहुल के थे.


पुलिस ने सीडीआर निकाली तो पता चला कि राहुल की आखिरी बार बात उसके दोस्त नोएडा के रहने वाले रंजीत से हुई थी. पुलिस ने रंजीत को बुलाकर पूछताछ की तो पता चला कि राहुल उससे मिलने के बाद से लापता है. पुलिस ने जब उसको नितिन की फोटो दिखाई तो पुलिस को पता चला कि आखरी बार उसे नितिन शर्मा और रवि के साथ उस वक़्त देखा जब राहुल उससे पैसे उधार लेने नोएडा आया था जिसके साथ नितिन और रवि थे.


पुलिस ने नितिन को प्रोडक्शन वारंट पर लिया और उससे राहुल तिवारी के लापता होने बारे में पूछा तो नितिन ने खुलासा किया कि राहुल तिवारी के संबंध नितिन की बहन के साथ थे जिसको लेकर नितिन के परिवारवाले बेहद नाखुश थे. इसी वजह से नितिन ने अपने दोस्त रवि के साथ मिलकर राहुल की जयपुर चलने के नाम पर अपने साथ सफेद गाड़ी में बैठाकर गुड़गाव के सेक्टर 56 ले गए और दो गोली मार कर उसकी हत्या कर लाश को आग लगा दी थी. 


24 मोबाइल की जांच के बाद मिला सुराग
क्राइम ब्रांच के डीसीपी डॉक्टर राम गोपाल नाइक ने ज़ी न्यूज़ को बताया कि ' बच्चे की किडनैपिंग केस की जांच के दौरान जो 24 मोबाइल मिले थे उसकी जांच के दौरान पता चला कि दो मोबाइल राहुल के थे और उस नंबर से आखरी कॉल रंजीत नाम के लड़के से हुई थी. जब उससे पूछताछ की गई और उसको नितिन की फोटो दिखाई तो उसने आखरी बार राहुल के साथ नितिन और रवि को देखा था. नितिन को प्रोडक्शन वारंट पर लेकर पूछताछ की तो उसने राहुल की हत्या करने का जुर्म कबूल कर लिया. नितिन ने ये हत्या बहन के साथ राहुल के संबंधों की वजह से की थी '


26 जनवरी से एक दिन पहले 25 तारीख को दिल्ली के जीटीबी एन्क्लेव में स्कूल बस ड्राइवर को गोली मारकर एक 5 साल के मासूम को बाइक से किडनैप कर लिया था जिसके बाद बच्चे को छोड़ने की ऐवज में 50 लाख की फिरौती मांगी थी. 26 जनवरी से एक दिन पहले हुई इस सनसनीखेज किडनैपिंग केस को क्राइम ब्रांच को सौंप दिया था. 5 फरवरी को क्राइम ब्रांच को पता चला कि अपहरणकर्ता शालीमार बाग के शालीमार सिटी के एबोनी टॉवर में छुपे है. क्राइम ब्रांच ने रात को एक ऑपेरशन के बाद एनकाउंटर किया और रवि नाम के बदमाश की एनकाउंटर की मौत हो गई.



जबकि नितिन और उसके एक साथी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. उसी केस की जांच के दौरान मिले 24 मोबाइल फोन की जांच के दौरान दिल्ली पुलिस के असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर कमलेश्वर तिवारी के बेटे राहुल तिवारी की हत्या 'हॉरर किलिंग' का नतीजा थी. दरअसल राहुल की गलती सिर्फ इतनी थी कि वो नितिन की बहन से प्यार करता था. दोनों का प्यार परवान चढ़ता इससे पहले ही नितिन ने अपने दोस्त रवि के साथ मिलकर राहुल की हत्या की ख़ौफ़नाक साज़िश रची थी. जून 2014 में हुई राहुल की हत्या के बाद से पुलिस से फ़रार चल रहे नितिन को आखिरकार 2 मोबाइल फोन की मदद गिफ्तारी कर लिया.