JNU देशद्रोह केस: दिल्ली पुलिस ने दाखिल की 1200 पेज की चार्जशीट, कन्हैया कुमार ने कही ये बात
दिल्ली पुलिस की ओर से दायर की गई चार्जशीट पर मंगलवार (15 जनवरी) को सुनवाई संभव है.
नई दिल्ली : 2016 में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हुई देशविरोधी नारेबाजी के मामले में दिल्ली पुलिस ने सोमवार को पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है. दिल्ली पुलिस की ओर से 1200 पेज की चार्जशीट दाखिल की गई है. दिल्ली पुलिस की ओर से दायर की गई चार्जशीट पर मंगलवार (15 जनवरी) को सुनवाई संभव है.
पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 124ए, 323, 465, 471, 143, 149, 147, 120बी के तहत चार्जशीट दाखिल की है. इसमें कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य, आकिब हुसैन, मुजीब हुसैन, मुनीब हुसैन, उमर गुल, राया रसूल, बशीर भट्ट समेत अन्य लोग आरोपी बनाए गए हैं.
वहीं चार्जशीट दायर होने से पहले कन्हैया कुमार ने कहा 'अगर यह खबर सच है कि इस मामले में चार्जशीट दायर हो रही है तो मैं पुलिस और मोदी जी को धन्यवाद देना चाहूंगा. मामले में 3 साल बाद और चुनावों से ठीक पहले चार्जशीट दाखिल होना दर्शाता है कि यह राजनीतिक प्रेरित है. मुझे देश की न्यायपालिका पर विश्वास है.'
इस मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य समेत अन्य लोग आरोपी बनाए गए हैं. कहा जा रहा है कि सेक्शन 11 में 10 आरोपी हैं, जिनमें से 3 गिरफ्तार हुए थे. आरोपी के तौर पर डी राजा की बेटी अपराजिता का भी नाम इसमें शामिल है. इसमें शेहला राशिद का भी नाम है.
9 फरवरी 2016 को कथित तौर पर जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाए गए थे. इससे पहले दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने बुधवार को इसकी जानकारी दी थी. कन्हैया, उमर खालिद और अनिर्बान को जेएनयू परिसर में कथित रूप से संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू को फांसी पर लटकाए जाने के विरोध में कथित रुप से कार्यक्रम करने को लेकर 2016 में देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया गया था.
उनकी गिरफ्तारी से बड़ा विवाद खड़ा हो गया था. विपक्ष ने पुलिस पर सत्तारुढ़ बीजेपी की शह पर काम करने का आरोप लगाया था. पटनायक ने कहा, "मामला अंतिम चरण में है. इसकी जांच पेचीदा थी, क्योंकि पुलिस टीमों को बयान लेने के लिये अन्य राज्यों का दौरा करना पड़ा था."
जेएनयू के इस विवादस्पद कार्यक्रम से लोगों में नाराजगी फैली थी. आरोप लगे थे कि कार्यक्रम के दौरान कथित रूप से देश विरोधी नारे लगाए गए. हालांकि विपक्ष के कई नेताओं ने जेएनयू के आरोपी छात्रों का पक्ष लिया था. इनमें से कई बड़े नेता तो उनके समर्थन में जेएनयू भी पहुंचे थे.