नई दिल्ली: प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों के कारण राजधानी दिल्ली में बुधवार को वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ हो गयी. यह परिस्थितियां प्रदूषकों के छितरा जाने के अनुकूल नहीं हैं. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 437 दर्ज किया गया जो ‘गंभीर’ श्रेणी में है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बोर्ड के अनुसार दिल्ली के 26 इलाकों में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ जबकि तीन इलाकों में ‘बेहद खराब’ श्रेणी में रही. आंकड़ों के अनुसार, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुड़गांव और नोएडा में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ की श्रेणी में है.


सीपीसीबी ने कहा कि दिल्ली में अति सूक्ष्म प्रदूषक कणों पीएम 2.5 (2.5 माइक्रोमीटर से कम व्यास के कण) का स्तर 315 रहा जबकि पीएम 10 का स्तर 499 दर्ज किया गया. एक्यूआई 100 और 200 के बीच को मध्यम, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 और 500 ‘गंभीर’ माना जाता है.भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईएमटी) के अनुसार बुधवार तक प्रदूषण के बिखराव के लिए मौसमी परिस्थितियां बेहद प्रतिकूल रहने की आशंका है.


विशेषज्ञों के मुताबिक यदि वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ की श्रेणी में पहुंच जाती है तो स्वस्थ लोगों को भी सांस लेने में दिक्कत होती है. ऐसे में डॉक्टरों ने लागों को शारीरिक गतिविधि न्यूनतम रखने की सलाह दी है. मंगलवार को दिल्ली की वायु गुण्वत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में थी जो बुधवार को गंभीर हो गयी. सोमवार को भी बुधवार जैसी स्थिति थी. 


केंद्र द्वारा संचालित वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान प्रणाली (सफर) ने कहा कि सतह पर जाने वाली हवा की रफ्तार के अलावा सभी मौसमीय कारक प्रतिकूल रहने की संभावना है. उसने दिल्लीवासियों को सलाह दी है इस मौसम में वह धूल से बचाव वाले सामान्य मास्क पर ज्यादा भरोसा ना करें.


सफर ने लोगों से टहलने सहित बाहर अन्य गतिविधियों से बचने और मकान की खिड़कियां बंद रखने, लकड़ी आदि नहीं जलाने, यहां तक कि मोमबत्ती और अगरबत्ती जलाने से भी मना किया है. सफर ने लोगों को बाहर जाते हुए एन-95 या पी-100 मास्क पहनने की सलाह दी है.


(इनपुट - भाषा)