नई दिल्ली: दिल्ली को प्लास्टिक फ्री बनाने के लिए दक्षिण दिल्ली नगर निगम ने खोला दिल्ली का पहला गार्बेज कैफे (Garbage cafe) जिसमें प्लास्टिक कचरे के बदले लोगों मुफ्त नाश्ता और खाना दिया जा रहा है. अगर आप भी अपने घर का प्लास्टिक वेस्ट कूडेदान में फेक देते हैं तो अब इसे जमा करना शुरू कर दीजिए, क्योंकि अब आपको इस प्लास्टिक वेस्ट के बदले मिल सकता है फ्री खाना. और वो भी मॉल में. 


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इतना ही नहीं आप प्लास्टिक कचरे के बदले में मॉल के कई ऑउटलेट्स में डिस्काउंट भी पा सकते हैं. इसके लिए द्वारका सेक्टर -12 के सिटी सेंटर मॉल में गारबेज कैफे खोला गया है.


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इस कैफे में 250 ग्राम प्लास्टिक कचरे के बदले नाशता और 1 किलो कचरे के बदले खाना दिया जाता है. इसके लिए मॉल के चारों तरफ पोस्टर लगाए गए हैं, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस मुहिम के बारे में पता चले और वो अपने घर का कचरा फेंकने की बजाय यहां जमा कर सकें. इस कैफे में हर दिन 4 दिनों में 40 से ज्यादा लोग कचरे के बदले खाना ले चुके हैं. गारबेज बैंक के प्रबंधक, कुलदीप राठी का कहना है कि इस कैफे को खोलने का मुख्य उद्देश्य लोगों में जागरुकता फैलाना है. हम चाहते हैं कि ज्यादा ये ज्यादा लोग इस मुहीम से जुडें और दिल्ली को साफ रखने में योगदान करें.


इस कैफे की खास बात ये है कि ये मॉल फूड कोर्ट में बनाया गया है. जहां से खाना लेने में आपको  ऐसा लगेगा जैसे आप मॉल के किसी आउटलेट से खाना ले रहे हैं. खाने की क्वालिटी पर भी खास ध्यान दिया गया है. नाशते में समोसा, चाय, बर्गर, सैंडविच, परांठा और खाने में बटर रोटी के साथ सब्जी या दाल चावल कुछ भी लिया जा सकता है. इतना ही नही, आप प्लास्टिक  कचरा जमा कर उसके बदले में मॉल के कई फूड ऑउटलेट के लिए डिस्काउंट कूपन भी ले सकते हैं.


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SDMC की स्टैंडिग कमेटी के चेयरमैन भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि हम प्लास्टिक वेस्ट के बदले में पैेसे देने की बजाए खाना दे रहे. इसके लिए कई रेस्टोरेंटस, रेडी वालों से भी बात की जा रही है. कि वो प्लास्टिक के बदले खाना देने की मुहीम शुरु करें. इस से सारा प्लास्टिक वेस्ट एक जगह इकट्ठा करने में आसानी होगी. 


इस फैफे में  हर दिन करीब 8 से 10 किलो कचरा इकट्ठा हो रहा है. हर दिन जो कचरा जमा होगा उसे SDMC के प्रोसेसिंग प्लांट में रिसाइकिल किया जाएगा. इस से पहले देश का पहला  गारबेज  कैफे छत्तीसगढ़ में  खोला गया था.  इसके बाद दिल्ली को प्लास्टिक मुक्त करने की ये पहल अगर सफल होती है तो आगे इस तरह के और भी कैफे खोले जा सकते हैं.