नई दिल्‍ली : हरियाणा के प्रमुख सियासी दल इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) में आखिर फूट क्‍यों और कैसे पड़ी, हर कोई इस बात को जानना चाहता है. अब इस मसले पर खुद पार्टी सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला ने खुलकर अपनी बात रखी है. उन्‍होंने दिल्‍ली हाईकोर्ट के समक्ष दायर याचिका में सिलसिलेवार ढंग से इस घटनाक्रम को जाहिर किया है. इसमें उन्‍होंने अपने बड़े बेटे अजय चौटाला, उनके दोनों पुत्र हिसार से सांसद दुष्‍यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला पर खुलकर आरोप लगाए हैं. 


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प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला (Om Prakash Chautala) का आरोप है कि निहित स्वार्थ के चलते अजय चौटाला और उनके दोनों बेटे पार्टी के कामकाज में गड़बड़ी पैदा कर रहे थे और पार्टी विरोधी गतिविधियों में भी भाग ले रहे थे. इसलिए उन्‍हें पार्टी से निकाला गया. चौटाला का यह भी आरोप है कि दिल्‍ली में सत्‍तासीन अरविंद केजरीवाल के नेतृत्‍व वाली आम आदमी पार्टी (AAP) ने फूट का फायदा उठाया और तुरंत अपने दो विधायकों को भेजकर गठबंधन की सियासी चाल चली और इस तरह पार्टी में फूट और बड़ी होती चली गई.


ओम प्रकाश चौटाला ने एडवोकेट अमित साहनी के मार्फत दिल्‍ली हाईकोर्ट में दायर अपनी अर्जी में कहा कि जननायक जनता पार्टी की घोषणा के बाद जींद विधानसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर आप विधायक सुरेंद्र सिंह कमांडो और सुखबीर दलाल ने JJP के संरक्षक अजय चौटाला के बेटे दुष्‍यंत चौटाला के साथ 17 जनवरी को मुलाकात की और उनके बीच यह सहमति बनी की AAP, JJP के उम्मीदवार का जिंद उपचुनाव में समर्थन करेगी. लेकिन इस बारे में औपचारिक घोषणा नहीं की गई.



आईएनएलडी के प्रमुख ने अपनी याचिका में यह भी आरोप लगाया है कि उन्हें जींद उपचुनाव के पहले 22 जनवरी को फरलो पर रिहा किया जाना था, लेकिन बाद में इसे चुनाव के बाद 29 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया. उन्हें रिहा करने की शर्तों में कहा गया कि वह किसी राजनीतिक सभा में शामिल या उसे संबोधित नहीं करेंगे और साथ ही फरलॉ की अवधि के दौरान राजनीतिक गतिविधियों में शामिल नहीं होंगे.


उन्‍होंने सीधा आरोप लगाया है कि JJP-AAP गठबंधन के लिए राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए अपनी पार्टी के इशारे पर दिल्‍ली के गृह मंत्री सतेंद्र जैन ने अवैध और गैरकानूनी रूप से 19 जनवरी को महानिदेशक (जेल) को पत्र जारी कर ओम प्रकाश चौटाला की फरलो 28 जनवरी से देने की बात की गई.  इस तरह उन्‍होंने जींद विधानसभा चुनाव के लिए खुद को राजनीतिक कार्यक्रम में शामिल होने से रोके जाने पर सीधे आम आदमी पार्टी और सतेंद्र जैन को भी जिम्‍मेदार ठहराते हुए जैन और दिल्‍ली सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.