नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ दिल्ली हुए हिंसक प्रदर्शन पर बीजेपी ने बीजेपी और आम आदमी पार्टी की सरकार पर निशाना साधा है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया को जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि दिल्ली के आगामी विधानसभा के मद्देनजर केजरीवाल और सिसौदिया इस तरह की भाषा बोल रहे हैं. उनकी जुबान में तो लग रहा है कि डायरिया हो गया है, जिसकी वजह से दोनों अनाप-शनाप बोल रहे हैं.


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मायावती द्वारा CAA के विरोध पर महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा, ''मायावती हों या अखिलेश हों, यूपी के अंदर सबका जनाधार खिसक चुका है. उसे अपने पक्ष में करने के लिए दोनों के बीच जोरदार कव्वाली चल रही है. दोनों कितने भी कसीदे पढ़ लें. लेकिन मुसलमानों को समझ है कि मोदी सरकार उनके साथ है. क्योंकि हमारी सरकार का नारा है- 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास.'


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बचा हुआ जनाधार भी भी खिसक रहा
कांग्रेस को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा, ''लोकतंत्र में विपक्ष को राष्ट्रपति से मिलने का अधिकार है, लेकिन बहुमत से संसद में लिए गए फैसले का यह अपमान कर रहे हैं. देश की जनता इसे देख रही है. दिन प्रतिदिन उनके इस कृत्य से बचा हुआ जनाधार भी भी खिसक रहा है.'' बता दें कि मंगलवार को कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष के एक प्रतिनिधिमंडल ने नागरिकता कानून को लेकर राष्ट्रपति से मुलाकात की.


छात्र नागरिकता कानून के खिलाफ नहीं
नागरिकता कानून के खिलाफ छात्रों के सड़क पर उतरने पर महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा, ''छात्र नागरिकता कानून के खिलाफ नहीं हैं. उनको भड़काया जा रहा है और खासकर कुछ खास जगहों पर बरगलाने की कोशिश भी हुई है. इसमें शामिल लोग जनाधार खो चुके हैं.


उन्होंने कहा कि भले इस देश का सामाजिक विघटन हो जाए, लेकिन अपनी सियासत के कारण ऐसा कर रहे हैं. लेकिन जैसे ही नौजवानों को पता चल रहा है वे इससे दूर हो जा रहे हैं. जो तथ्य सामने आए, उसमें जामिया के स्टूडेंट कम हैं जबकि कुछ अन्य तत्व उसमें शामिल थे.


नागरिकता कानून का बचाव
नागरिकता कानून का बचाव करते हुए पांडेय ने कहा कि मुसलमान हो या कोई भी, नागरिकता कानून उसके खिलाफ नहीं है. इस पर इतनी चर्चा हुई. भारत में वर्षों से, कठिनाई से रहने वाले पाकिस्तान, अफगानिस्तान , बांग्लादेश के जो शरणार्थी हैं, उनको नागरिकता देने के लिए है. ना कि भारत के किसी भी नागरिक के नागरिकता छीनने के लिए. हमें इसके लिए जनमत मिला है. अच्छे बहुमत से हम आए हैं. जो लोग इसे बरगला रहे हैं. वे उस जनमत का अनादर कर रहे हैं.