मनोज तिवारी का केजरीवाल पर आरोप, दिल्ली सरकार ने केंद्र से ली 7250000 किलो दाल पर बांटी नहीं
कोरोना संकट काल में बड़ी संख्या में लोगों के सामने खाने-पीने की दिक्कत है. केंद्र और राज्य सरकारें सस्ते दामों पर गरीब लोगों को राशन का सामान उपलब्ध करवाने की कोशिश कर रही हैं.
नई दिल्ली: कोरोना संकट काल में बड़ी संख्या में लोगों के सामने खाने-पीने की दिक्कत है. केंद्र और राज्य सरकारें सस्ते दामों पर गरीब लोगों को राशन का सामान उपलब्ध करवाने की कोशिश कर रही हैं. केंद्र सरकार ने यहां तक कहा है कि जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें भी राशन दिया जाए. लेकिन इस बीच दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट के सांसद मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) पर दाल घोटाले का गंभीर आरोप लगाया है.
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मनोज तिवारी ने रविवार को एक वीडियो संदेश के जरिए ट्विटर पर अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए कहा, 'मोदी सरकार इस लॉकडाउन में जिनके राशन कार्ड हैं या जिनके राशन कार्ड नहीं हैं, उन सबके लिए मुफ्त में गेंहू, चावल और दाल भी दे रही है. मुझे ये बताते हुए दुख हो रहा है कि दिल्ली में दाल नहीं मिल रही है और मजदूरों का पलायन हो रहा है. पलायन करते हुए उनकी एक ही लाइन है कि हम कैसे खाना खाएं. आपको जानकारी देते हुए दुख हो रहा है कि दिल्ली सरकार 17 मई के 5 दिन पहले 7 हजार 250 मीट्रिक टन दाल उठा चुकी है. लेकिन दाल बंटी नहीं. तो सवाल उठता है कि क्या दाल घोटाला हुआ है. क्या ये दाल कहीं जान बूझकर रखी गई है. मैं अरविंद केजरीवाल जी से कहना चाहता हूं कि आप इस पर तुरंत एक्शन लें और लोगों को वो दाल मुहैया करवाएं. जो किसी गरीब के घर में उसका साधन हो सकती है.'
मनोज तिवारी द्वारा दिल्ली सरकार और अरविंद केजरीवाल पर लगाया गया ये आरोप बहुत ही गंभीर है क्योंकि दिल्ली से बहुत बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों ने पलायन किया है और ये अभी भी जारी है. हालांकि आम आदमी पार्टी, दिल्ली सरकार और अरविंद केजरीवाल की तरफ मनोज तिवारी के इस आरोप पर अभी तक कोई जवाब नहीं आया है.
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