नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने अजय कुमार गुप्ता की ओर से दायर एक मुकदमे में ज़ी मीडिया (Zee Media) और डिलिजेंट मीडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड के खिलाफ अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया. गुप्ता ने इस मुकदमे में ज़ी मीडिया पर उनके खिलाफ छपी खबरों को हटाने की मांग की थी. 


अजय कुमार गुप्ता ने दायर की थी याचिका


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करंजावाला एंड कंपनी के जरिए दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में दायर किए गए मुकदमे में अजय गुप्ता ने मानहानि का आरोप लगाया था. साथ ही ज़ी ग्रुप को भविष्य में उनके खिलाफ खबर छापने से रोकने के लिए स्थाई निषेधाज्ञा जारी करने का अनुरोध किया था. 


अजय कुमार गुप्ता ने आरोप लगाया था कि ज़ी मीडिया ने 14 जुलाई, 2021 को उनके खिलाफ 'DNA : What is the connection of South Africa riots to India Gupta Family' नाम से खबर छापी थी. इसके साथ ही 16 जुलाई को 'DNA Explainer : What led to unrest in South Africa and role of Gupta brothers' नाम से फिर खबर छापी गई थी. 


वेबसाइट से लेख हटाने की मांग


दिल्ली हाई कोर्ट में दायर याचिका में अजय कुमार गुप्ता ने मांग की थी कि ज़ी मीडिया ग्रुप को इन लेखों को अपनी वेबसाइट से हटाने और भविष्य में उनके परिवार के खिलाफ आर्टिकल प्रकाशित करने से रोकने का आदेश दिया जाए. 


अजय कुमार गुप्ता की ओर से पेश वरिष्‍ठ वकील राजीव नैय्यर और सिद्धार्थ भटनागर ने कोर्ट में आरोप लगाया कि प्रकाशित हुए इन लेखों की सामग्री मानहानिकारक है. उन्होंने यह भी तर्क दिया कि ज़ी मीडिया/डीएनए को एक अंतरिम आदेश जारी करके इन विवादित लेखों को तुरंत हटाने का आदेश दिया जाना चाहिए. 


इस केस में ज़ी मीडिया, सुधीर चौधरी और डिलिजेंट मीडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड की ओर से सीनियर एडवोकेट अरविंद नायर कोर्ट में पेश हुए. उन्होंने अजय कुमार गुप्ता की मांग का विरोध किया. उन्होंने कहा कि यह केस दिल्ली हाई कोर्ट की ओर से 2019 और 2020 में जारी आदेशों के तहत क्षेत्राधिकार से बाहर है. 


कोर्ट का अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार


सीनियर एडवोकेट अरविंद नायर ने यह भी तर्क दिया कि वादी अजय कुमार गुप्ता और उनके भाई के खिलाफ सारे मामले पहले से ही पब्लिक डोमेन में मौजूद हैं. उन्होंने कोर्ट में कहा कि गुप्ता बंधुओं के खिलाफ छापी गई खबरें मानहानिकारक नहीं थी.


दोनों पक्षों को सुनने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने पहले प्रकाशित हो चुके लेखों को हटाने के लिए कोई अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया. साथ ही ज़ी ग्रुप को भविष्य में ऐसे आर्टिकल प्रकाशित करने से रोकने की भी निषेधाज्ञा जारी नहीं की. दिल्ली हाई कोर्ट ने ज़ी मीडिया को आदेश दिया कि भविष्य में वह गुप्ता बंधुओं के खिलाफ कोई भी स्टोरी प्रकाशित या प्रसारित करने से पहले उनका पक्ष भी जरूर ले और संबंधित खबरों में उनके वर्जन को पर्याप्त जगह दी जाए.


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