नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम चुनाव का डंका बज चुका है, दिल्ली निकाय चुनाव के लिए वोटिंग 4 दिसंबर को होनी है, वहीं 7 दिसंबर को इसके नतीजे आ जाएंगे. ऐसे में सारे प्रत्याशी जोरों-शोरों से चुनाव की तैयारियों में जुट चुके हैं. प्रत्याशियों के साथ-साथ राजनीतिक पार्टियां भी चुनावी मैदान में उतर चुकी हैं. चाहे वो BJP हो, आम आदमी पार्टी हो या फिर कांग्रेस, ये सारी पार्टीयां अपने-अपने प्रत्याशियों को निकाय चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटों से जिताने के लिए पुरजोर तैयारियां कर रही हैं. नगर निगम चुनाव के लिए 7 नवंबर से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई थी, जो कि 14 नवंबर तक चली. ऐसे में अपने दांव ठोकने के लिए 250 सीटों पर अब तक 2012 उम्मीदवारों ने 2574 से ज्यादा नामांकन दाखिल किए हैं. 14 नवंबर तक दाखिल हुए नामांकन पत्रों की 16 नवंबर तक स्क्रूटनी चलेगी, नामांकन पत्र वापसी की आखिरी तारीख 19 नवंबर है.


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AAP का मुद्दा कूड़ा 
आम आदमी पार्टी साफ-सफाई और कूड़े के मुद्दे पर निकाय चुनाव में भाजपा के घेरते हुए दिख रही है. दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी अपने एमसीडी चुनावी अभियान की शुरुआत गाजीपुर लैंडफिल साइट पर जाकर की थी. ऐसे में ये तो तय है कि आप भाजपा पर दिल्ली के कूड़े के पहाड़ों के जरिये निशाना साधने वाली है. 


कांग्रेस भी याद दिला रही है भ्रष्टाचार को
दिल्ली निकाय चुनाव में कांग्रेस शीला दीक्षित द्वारा किए गए कामों को मुद्दा बनाकर चुनाव में उतरने की बात तो पहले ही बता चुकी है. निकाय चुनाव में सीटें पाने के लिए सारी पार्टियां अपनी-अपनी जद्दोजहद कर रही हैं, ऐसे में कांग्रेस भी मतदाताओं को भ्रष्टाचार और अन्य संबंधित मुद्दों के बारे में याद दिलाने की योजना बना रही है. इन मुद्दों से कांग्रेस आप और भाजपा दोनों को घेरने के तैयारी में जुटी है.


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इस बार अलग चुनावी समीकरण
पिछले 15 सालों से  BJP दिल्ली नगर निगम की सत्ता पर काबिज है. 2017 के MCD चुनाव में भाजपा ने दो-तिहाई वार्डों में जीत हासिल की थी. 2017 में BJP ने निगम में जीत की हैट्रिक बनाई थी, लेकिन MCD का चुनावी समीकरण इस बार अलग है. इस बार भाजपा को अपना वोट बैंक बरकरार रखने के लिए चुनौती का सामना करना पर रहा है.


वहीं केजरीवाल दिल्ली में डबल इंजन की सरकार बनाने के वादें कर रहे हैं. कुशासन को मुद्दा बनाकर आम आदमी पार्टी भाजपा के खिलाफ बढ़त हासिल करने की कोशिश कर रही है. गुजरात इलेक्शन भी इस बार MCD चुनाव से मेल खा रहा है, गुजरात चुनाव में भी भाजपा को आम आदमी पार्टी कड़ी टक्कर दे रही है. ऐसे में देखना यह होगा कि गुजरात चुनाव में पार्टियों द्वारा किए गए वादें  MCD चुनाव में भी कहीं मुद्दे बन कर न उभर जाए.