अंबाला के नारायणगढ़ में मुर्गियों के साथ क्रूरता का मामला सामने आया है, जिसके बाद मीट कारोबारी के ऊपर पशु क्रूरता और जीवजंतु की हत्या करने के आरोप में केस दर्ज कर लिया गया.
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नई दिल्ली: यूपी के बदायूं में चूहे के मर्डर के बाद अब हरियाणा के नारायणगढ़ से मुर्गियों के साथ क्रूरता का मामला सामने आया है. शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मीट कारोबारी के ऊपर पशु क्रूरता और जीवजंतु की हत्या करने के आरोप में केस दर्ज करके उसे गिरफ्तार कर लिया. हालांकि थोड़ी ही देर में उसे जमानत मिल गई.
क्या है पूरा मामला
हरियाणा के नारायणगढ़ में सागर नाम का मीट व्यापारी अपनी बाइक के पीछे लगे लोहे के जंगले में 51 मुर्गियों को उल्टा लटकाकर ले जा रहा था. पंचकूला की आनामिका राणा ने सागर को मुर्गियों को लटकाकर ले जाते हुए देख लिया और घटना की शिकायत पुलिस में दर्ज कर दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने जब मुर्गियों को मीट व्यापारी की कैद से छुड़ाया तब तक 24 मुर्गियों की मौत हो चुकी थी.
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पुलिस ने किया गिरफ्तार
मामले की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मीट व्यापारी को पशु क्रूरता और जीवजंतु की हत्या करने के आरोप में गिरप्तार किया था, जिसके बाद उसे जमानत पर छोड़ दिया गया.
पशु क्रूरता निवारण अधिनियम
देश में पशुओं के खिलाफ क्रूरता को रोकने के लिए साल 1960 में पशु क्रूरता निवारण अधिनियम लाया गया. इस एक्ट की धारा-4 के तहत 1962 में भारतीय पशु कल्याण बोर्ड का गठन भी किया गया. इस अधिनियम का उद्देश्य पशुओं के खिलाफ होने वाले उत्पीड़न तो रोकना है.
सजा का भी प्रावधान
पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत अगर कोई ऐसा करता पाया जाता है, तो दोष सिद्ध होने पर उसे 10 रुपये से 2 हजार रुपये तक का जुर्माना और अधिकतम 3 साल तक की सजा हो सकती है. ये सभी अपराध संज्ञेय और जमानती अपराध होते हैं.