Ambala: गरीबों की मदद का दम भरने वाली भाजपा सरकार और उनके स्वस्थ्य मंत्री के ग्रह क्षेत्र के अस्पताल का स्टाफ कितना लापरवाह है. इसका उदाहरण सीविल अस्पताल में देखने को मिला. एक गरीब महिला को भरी ठंड में अस्पाताल गेट पर ही बच्चे को रेहड़ी पर ही जन्म देना पड़ा. परिजन लगातार स्टाफ से गुहार लगाते रहे, लेकिन उन्हें स्ट्रेचर उपलब्ध नहीं कराया गया. इसके बाद जब मामला वरिष्ठ अधिकारियों और स्वास्थ मंत्री अनिल विज तक पहुंचा तो हड़कंप मच गया.


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सुना था कि गरीब की सुनवाई कहीं नहीं होती और उसका रखवाला भगवान ही होता है, लेकिन ऐसा उदाहरण कल देर रात अंबाला शहर के नागरिक अस्पताल में देखने को मिला, जहां पंजाब के दप्पर इलाके से एक गरीब व्यक्ति कड़कती ठंड में अपनी गाड़ी का जुगाड़ कर अपनी प्रेग्नेंट बीवी को लेकर अंबाला शहर के नागरिक अस्पताल पहुंचा. वह बार-बार अस्पताल स्टाफ से उसकी प्रेग्नेंट बीवी की तबीयत का हवाला देकर उसे जच्चा बच्चा वार्ड में ले जाने की गुहार लगाता रहा, लेकिन ड्यूटी पर तैनात किसी डाक्टर व स्टाफ का दिल नहीं पसीजा.


स्टाफ ने उसे स्ट्रेचर तक उपलब्ध नहीं कराया और आखिरकर दर्द से तड़पती उस महिला ने अस्पताल प्रांगण में ही बच्चें को जन्म दे दिया.  पति का कहना है कि वह गरीब है और वह डॉक्टर और अस्पताल स्टाफ को भगवान मानता था, लेकिन कल रात की हरकत के बाद उसका भरोसा उठ गया. उसकी पत्नी व बच्चे को केवल भगवान ने ही बचाया. उसका कहना है कि मामले की जांच होनी चाहिए और इस तरह के लापरवाह स्टाफ कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.


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सरकारी अस्पताल के ड्यूटी पर तैनात डाक्टर और स्टाफ की लापरवाही के मामले बारे पूछे जाने पर हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि मामले की गंभीरता से जांच करवाई जाएगी. लापरवाही करने वाले किसी भी स्टाफ या डॉक्टर को नहीं बक्शेंगे. वहीं इस बारे में अंबाला शहर की प्रिंसिपल मेडिकल ऑफिसर संगीता सिंगला ने बताया कि उन्हें मामले में स्टाफ की लापरवाही की शिकायत मिली है, जिस पर उन्होंने एक जांच कमेटी गठित कर दी है. जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही  दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.