Arvind Kejriwal: दिल्ली के आबकारी नीति मामले में हुए कथित घोटाले को अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया था. आज उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि अगर केजरीवाल की गिरफ्तारी PMLA के सेक्शन-19 के तहत गिरफ्तारी की शर्तों के उल्लंघन करके हुआ है तो कोर्ट का दखल देने का औचित्य बनता है.


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ट्रायल कोर्ट भी देख सकता था कि उल्लंघन हुआ या नहीं
वहीं, इस मामले में प्रवर्तन निदेशायल यानी ED का कहना था कि ये ट्रायल कोर्ट भी देख सकता है कि सेक्शन-19 का उल्लंघन हुआ है या नहीं. अरविंद केजरीवाल को सीधे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट आने की जरूरत नहीं थी. इस मामले में अरविंद केजरीवाल के पक्ष का कहना था कि शुरुआती दौर में ईडी ने गवाहों के उन बयानों को नजर अंदाज किया था, जो अरविंद केजरीवाल के पक्ष में जाते थे. दरअसल, PMLA का सेक्शन-19 कहता है कि अगर ईडी को किसी व्यक्ति पर अपराध में शामिल होने का शक है तो उसकी गिरफ्तारी हो सकती है.


सिर्फ 2 धनराशियों का ब्योरा दिया
सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई के दौरान अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि 100 करोड़ रुपये में ईडी ने सिर्फ 2 धनराशियों का ब्योरा दिया है. इसपर जस्टिस संजीव खन्ना ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से पूछा कि आपने धनराशि को घटाकर 45 करोड़ तो नहीं कर दिया है. इसपर एसवी राजू ने कहा कि नहीं, हमने कहा था कि हमने 45 करोड़ रुपये का पता लगा लिया है. दरअसल, आबकारी नीति में के. कविता और अरविंद केजरीवाल के बीच 100 करोड़ की लेनदेन की बात एजेंसियों की ओर से कही जा रही थी.


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केजरीवाल पर ASG ने लगाया आरोप
इसपर ASG राजू ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने झूठे बहाने से समन से परहेज किया. यह आरोपी होने का संकेत है. हमारे पास सबूत हैं कि विजय नायर इस शराब नीति में पूरी तरह से शामिल हैं. वह मंत्रियों के लिए अलॉट बंगलने में रहता था, जबकि उस घर से उसका कोई लेना-देना नहीं है.


आप नहीं कह सकते कि कोई क्यों किसी के घर में रह रहा है
इसपर जस्टिस खन्ना ने कहा कि कई लोग कई मंत्रियों के घरों में रहते हैं. ऐसे में आप ये नहीं कह सकते हैं कि वो वहां पर क्यों रह रहा है. अप्रूवर के बयान की विश्वसनीयता के मापदंड अलग हैं. उसे स्वीकारोक्ति का लाभ मिलता है. इसकी पुष्टि होनी चाहिए. ASG राजू ने कहा कि जब केजरीवाल  को गिरफ्तार किया गया था तब मजिस्ट्रेट ने भी तथ्यों की जांच की थी. मजिस्ट्रेट ने PMLA की धारा-19 लागू करने से संतुष्ट थे. कल शुक्रवार को इस मामले में दोपहर 2:30 बजे सुनवाई की जाएगी. सिंघवी ने कहा कल हम अपना पक्ष रखेंगे. इसके लिए उन्होंने कोर्ट से 45 मिनट का समय मांगा है. वहीं, ED ने 15 मिनट का समय मांगा है.