Positive News: स्लम में रहने वाले बच्चों के लिए बाल मित्र मंडल लगाएगा स्ट्रीट क्लासेस, इस समर वेकेशन पर आप क्या कर रहे?
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Positive News: स्लम में रहने वाले बच्चों के लिए बाल मित्र मंडल लगाएगा स्ट्रीट क्लासेस, इस समर वेकेशन पर आप क्या कर रहे?

Positive News: बाल मित्र मंडल से जुड़े बच्चे पुणे की झुग्गी बस्तियों में रहने वाले बच्चों के लिए ‘स्ट्रीट क्लासेज’ लगाएंगे और उन्हें स्कूल में दाखिला लेने के लिए प्रेरित करेंगे. ये बाल नेता बच्चों को गणित, विज्ञान और अंग्रेजी सिखाने के अलावा पेन-पेंसिल, किताबें और ड्राइंग शीट भी बांटेंगे.

Positive News: स्लम में रहने वाले बच्चों के लिए बाल मित्र मंडल लगाएगा स्ट्रीट क्लासेस, इस समर वेकेशन पर आप क्या कर रहे?

Child Education: गर्मी की छुट्टियों में आप क्या करते हैं. शायद घूमने के लिए अपने शहर से दूर किसी टूरिस्ट प्लेस पर जाते होंगे या घर पर टीवी, वीडियो गेम से चिपके रहना पसंद करते होंगे, लेकिन इस बार आप अपनी छुट्टियों पर समाज की बेहतरी के लिए कुछ काम करने के बारे में विचार कर सकते हैं. निश्चित ही गरीबों और जरूरतमंदों की मदद कर आपको सुकून का एहसास होगा. कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन (KSCF) के अंतर्गत बाल मित्र मंडल (BMM) ने शहरी झुग्गी बस्तियों के बच्चों के लिए एक पहल की है.

जीवन में एक मुकाम पाने के लिए शिक्षा अहम रोल निभाती है, लेकिन कभी गरीबी तो कहीं दो वक्त की रोटी जुटाने के क्रम में तमाम बच्चे शिक्षा के वंचित रह जाते हैं. इस पहल के तहत बाल मित्र मंडल पुणे की झुग्गी बस्तियों के सड़कों पर भीख मांगने वाले बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित करेगा. इस दौरान बीएमएम से जुड़े बच्चे झुग्गी बस्तियों के बच्चों के लिए ट्रैफिक सिग्नल पर ‘स्ट्रीट क्लासेज’ लगाएंगे और उन्हें स्कूल में दाखिला लेने के लिए प्रेरित करेंगे.  

बैक पैक हीरोज अभियान शुरू

बीएमएम की बाल परिषद ने गर्मी की छुट्टियों के दौरान एक अवकाशकालीन पहल के तौर पर ‘बैक पैक हीरोज’ नाम से यह अभियान शुरू किया है. ये बाल नेता खुद पुणे की झुग्गी बस्तियों से हैं और वे चाहते हैं कि उनके जीवन में शिक्षा से जो परिवर्तन आया है वैसा ही बदलाव इन बच्चों के जीवन में भी आए. सबसे बड़ी बात यह है कि स्ट्रीट क्लासेस चलने के लिए जरूरी धन की व्यवस्था भी बीएमएम के बच्चों ने की है. इसके साथ ही सड़क पर तमाम लोगों को इस अभियान से जोड़ने के लिए वह ‘करुणा चक्र’ भी बनाएंगे. 

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केएससीएफ के एग्जीक्यूटिव डाइरेक्टर (प्रोग्राम) राकेश सेंगर के मुताबिक यह अभिनव पहल सड़क पर भीख मांगने वाले बच्चों के जीवन को संवारने के लिए  महत्वपूर्ण कदम होगा. उन्होंने कहा कि यह पहल निश्चित रूप से बड़े बदलावों की ओर ले जाएगी इससे एक अनूठे तरीके से अध्यापन की कला सीखने के अलावा इन बच्चों को लाल बत्तियों पर गुजारा करने वाले बच्चों की जरूरतों और उनकी समस्याओं को समझने में मदद मिलेगी. साथ ही समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी भी समझने में मदद मिलेगी. 

सड़क किनारे बच्चों को पढ़ाएंगे बाल नेता 
इस पहल के तहत कल से 10 बच्चे और वरिष्ठ कार्यकर्ता दस जगहों पर जाएंगे. वहां एक बच्चा सड़क किनारे पढ़ाएगा, जबकि दो बच्चे उसकी बातों को दूसरे बच्चों को समझाने में मदद करेंगे. इस दौरान वे सड़क पर रहने वाले बच्चों के नाम, उम्र और स्कूल जाते हैं या नहीं जैसी अन्य जानकारियां भी एकत्र करेंगे. बीएमएम के ये बाल नेता बच्चों को गणित, विज्ञान और अंग्रेजी सिखाने के अलावा पेन-पेंसिल, किताबें और ड्राइंग शीट भी बांटेंगे.

 बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिए पहल 
बीएमएम का उद्देश्य शहरी झुग्गी बस्तियों के बच्चों का विकास सुरक्षित करना है.बीएमएम बाल मजदूरी खत्म करने और बच्चों को यौन शोषण से बचाने के साथ ही लोकतांत्रिक गतिविधियों और सामूहिक प्रयासों के जरिये उनके अधिकारों की सुरक्षा और शिक्षा, पेयजल, सफाई और आजीविका के प्रति जागरूकता पैदा करता है.

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